Gaza news : ट्रंप ने शुरू की गाजा को कब्जाने की तैयारी, इजराइली सेना को दिया ये आदेश, आखिर ट्रंप क्यों चाहते है गाजा पर कब्जा
डोनाल्ड ट्रंप गाजा पर कब्जा कर उसका पुनर्निर्माण करना चाहते है लेकिन अरब देशों ने इस पर एतराज जताया है। अरब देश ट्रंप की मंशा को समझते है।
गाजा लेटेस्ट न्यूज: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुरू से ही गाजा को लेकर कई विवादित टिप्पणी कर चुके हैं। ट्रंप चाहते हैं कि गाजा को अमेरिका कंट्रोल करे। क्योंकि युद्ध में गाजा पूरी तरह से तबाह हो चुका है। उसका पुनर्निर्माण जरूरी है। अमेरिका गाजा पर एक रिसॉर्ट सिटी बनाएगा। जो पश्चिमी एशिया के लिए रोजगार और टूरिज्म सेंटर बनेगा। ट्रंप का यह बयान ना तो गाजावासियों को पसंद आ रहा है और ना ही अरब देशों को पसंद आ रहा है। आप खुद सोचिए कि लोग अपने घर को बनाने के लिए किसी दूसरी जगह शरण ले लेते है। लेकिन युद्ध की तबाही में अपने ही घर को छोड़कर कहीं और जाना पड़े ये बात समझ नहीं आती। अमेरिका इजराइल के इशारे पर गाजा को कब्जाना चाहता है।
अरब देशों ने जताई नाराजगी
हैरानी की बात है कि जिन देशों ने इजराइल और हमास जंग में युद्ध विराम की घोषणा करवाई वही मुस्लिम देश डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसलेरके खिलाफ है। साउदी अरब, मिस्र, यूएई, कतर और फिलिस्तीन ने एक संयुक्त बनाया में कहा कि अगर ट्रंप ने ऐसा कोई कदम उठाया तो पूरे क्षेत्र की स्थिरता खतरे में आ जाएगी। और संघर्ष भी बढ़ सकता है। भले ही मौजूदा समय में युद्ध विराम के बाद अदला बदली हो रही हो। लेकिन अरब देश मानते है कि ट्रंप इजराइल के इशारे पर ये सब कर रहे है। इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी दौरे पर है। जानकारों का मानना है कि अमेरिका पहले गाजा में इन्वेस्ट करेगा फिर एयर बेस बनाकर पूरे मिडिल ईस्ट की निगरानी रखेगा। एक अधिकारी का कहना है कि गाजा के मलबे को हटाने में लगभग 21 साल लग सकते है। फिलिस्तीन प्रतिनिधि का कहना है कि गाजा से बाहर फिलिस्तीनियों को बसाने से बेहतर है कि उन्हें अपने घरों में भी बसाया जाए।
अरब देशों ने ट्रंप को दिया जवाब
डोनाल्ड ट्रंप के ताजा बयान से अरब देश भड़के हुए है। युद्ध विराम में सहयोगी की भूमिका निभाने वाले मिस्र ने कहा कि फिलिस्तीनियों को बिना हटाए अमेरिका वहां निर्माण करा सकता है। राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने कहा ट्रंप का फैसला अंतर्राष्ट्रीय कनून का उल्लंघन है। तो वहीं जॉर्डन ने बयान दिया कि फलस्तीनी की अपने देश में रहने का पूरा हक है। साउदी ने कहा फिलिस्तीनी राज्य की एक ऐसी स्थापना है जिसे बदला नही जा सकता। और ना ही हटाया जा सकता है। गाजा के लोग कभी भी विस्थापन की मंजूरी नहीं देंगे। चीन ने भी ट्रंप के इस बयान का विरोध किया। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने कोई बयान ना देकर सभी को हैरान किया है।
इजराइल - हमास युद्ध में क्या हुआ
युद्ध के बाद सवा साल में 50 हजार फिलिस्तीनी जान गवां चुके है। 7 अक्टूबर 2023 से जारी जंग में गाजा पूरी तरह तहस नहस हो चुका है। एक आंकड़े के अनुसार 15 महीने में गाजा की 70% इमारतें बर्बाद हो चुकी है। जिसमें 2 लाख 45 हजार घर ध्वस्त हो चुके है। वहीं वर्ल्ड बैंक ने 18.3 अरब डॉलर का नुकसान जताया है। गाजा की 23 लाख की आबादी में से 90% फिलिस्तीन विस्थापित हो चुके है। उधर इजराइली रक्षा मंत्री ने सेना से कहा है कि वो गाजा से उन लोगों की जानें की योजना तैयार करें। जो अपनी मर्जी से जाना चाहते है।
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