Saudi Arabia Against USA: डोनाल्ड ट्रंप को साऊदी अरब ने दिया झटका, इजराइल को मान्यता देने से किया इंकार
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में अब्राहम अकार्ड करवाया था। जिसमें इजराइल को मान्यता मिलनी थी। दोनों के बीच अच्छे संबंध रहे हैं।
साउदी अरब लेटेस्ट न्यूज: डोनाल्ड ट्रंप जब भी सत्ता संभालते है तो कुछ बड़ा करके ही मानते है। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान कई ऐसे बड़े फैसले लिए जिसकी चर्चा उनके दूसरे कार्यकाल में भी होती है। ध्यान देने योग्य बात है कि डोनाल्ड ट्रंप और साउदी किंग मोहम्मद बिन सलमान के अच्छे रिश्ते रहे है। ट्रंप को उम्मीद रहती है कि किंग सलमान उनकी बात को तवज्जो देंगे। लेकिन इस बार साउदी अरब का बदलता मूड ट्रंप को नाराज कर रहा है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान अब्राहम अकार्ड करवाया था। जिसमें यूएई समेत कुछ अरब देशों ने इजराइल को मान्यता दी थी। लेकिन अब साउदी अरब ऐसा करने से मना कर रहा है।
ट्रंप ले सकते है बड़ा फैसला
अमेरिका का नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब दोबारा व्हाइट हाउस पहुंचे तो उन्हें उम्मीद थी कि इजराइल और साउदी अरब के रिश्ते सामान्य हो जायेंगे। ट्रंप यह भी चाहते है कि साउदी अरब इजराइल को मान्यता दे दे। लेकिन साउदी ने साफ कर दिया है कि वो किसी भी कीमत पर इजराइल को मान्यता नही देने वाले है। ये फैसला खुद साउदी अरब नही ले रहा है बल्कि सभी इस्लामिक देशों ने मिलकर लिया है। कि जब तक फिलिस्तीन देश का निर्माण नहीं हो जाता। इजराइल को मान्यता नहीं मिलेगी। जानकर मानते है कि इस्लामिक देशों का यह निर्णय डोनाल्ड ट्रंप के लिए बहुत बडा झटका है। ट्रंप मिडिल ईस्ट के दो ताकतवर मुल्कों को एक करना चाहते है।
फेल हुआ ट्रंप का अब्राहम अकार्ड 2.0
अगर आपको याद हो तो डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले कार्यकाल में एक ऐतिहासिक समझौता अब्राहम करवाया था। जिसके बाद यूएई ने इजराइल को मान्यता देकर दुनिया को चौंका दिया था। मौजूदा समय में भले ही हमास और इजराइल के बीच युद्ध विराम हो। लेकिन पिछले एक साल से ज्यादा दोनों के बीच जंग चली है। इसमें फिलिस्तीन के लाखों लोग मारे गए। और उन्हें विस्थापित भी होना पड़ा है। फिलिस्तीन जंग में पूरी तरह से तबाह हो चुका है। ऐसे में साउदी अरब ने साफ कर दिया है। फिलिस्तीन का निर्माण नही होने तक हम साउदी अरब से रिश्ते नही बनाएंगे। वैसे भी साउदी अरब इस्लामिक देशों का मसीहा है। उसके हुक्म से ही आईओसी चलती है। मतलब साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप की अब्राहम 2.0 फेल हो गई।
साउदी अरब की होगी किरकिरी
साउदी अरब के किंग मोहम्मद बिन सलमान अगर इजराइल से संबंध बनाते है तो वो इस्लामिक देशों के रडार पर आ जायेंगे। आईओसी जैसी संस्था पर ग्रहण भी लग सकता है। कई देश मक्का मदीना जाना छोड़ सकते है। जिससे साउदी अरब को नुकसान उठाना पड़ सकता है। और साउदी अरब ऐसा होने नहीं देगा। उधर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि कुछ फिलिस्तीनियो को वो मिस्र और जॉर्डन में बसाने की सोच रहे है। हाल ही में इजराइली पीएम ने डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की है। वैसे अगर देखा जाए तो साउदी अरब जंग से ही इजराइल पर अपनी सधी हुई प्रतिक्रिया देता रहा है।
What's Your Reaction?