Health Review Meeting- स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक, टीबी मरीजों के लिए अपील
धनबाद में जिला दण्डाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में टीबी मुक्त भारत अभियान, कुपोषण, संस्थागत प्रसव, और विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई। जानें, क्या कदम उठाए गए हैं।
Health Review Meeting- स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक, टीबी मरीजों के लिए अपील
धनबाद:धनबाद में स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्तश्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में हुई। बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए श्री दीपाकंर चौधरी, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल और अन्य कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में स्वास्थ्य और पोषण संबंधित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना था। साथ ही, टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए जिले के नागरिकों से अपील की गई कि वे टीबी मरीजों को गोद लेकर इस अभियान में योगदान दें।
टीबी मुक्त भारत अभियान में टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील
बैठक के दौरान, टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की गई। जिला दण्डाधिकारी ने सभी वर्गों से अपील की कि वे निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को गोद लें। यह योजना टीबी मरीजों को उपचार और पोषण देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। किसी भी व्यक्ति, संस्था या संगठन को टीबी मरीज को गोद लेने का अवसर है। निक्षय मित्र बनने के बाद, मरीज को छह महीने से लेकर तीन साल तक उपचार प्रदान किया जाता है, और इस दौरान उन्हें पोषण, चिकित्सा सहायता और आजीविका से जुड़ी मदद भी दी जाती है।
कुपोषण और संस्थागत प्रसव पर विशेष ध्यान
बैठक में कुपोषण उपचार केन्द्र के बारे में भी चर्चा की गई। बहरागोड़ा और मुसाबनी प्रखंडों में कम कुपोषित बच्चों की पहचान की गई। इन बच्चों को कुपोषण उपचार केन्द्र (एमटीसी) में भर्ती करने के निर्देश दिए गए ताकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार किया जा सके। इसके अलावा, संस्थागत डिलीवरी पर भी विशेष जोर दिया गया। पोटका और मुसाबनी जैसे क्षेत्रों में संस्थागत डिलीवरी का प्रतिशत कम था। इन क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए, ग्रामीण स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने पर भी बल दिया गया ताकि जच्चा-बच्चा की स्वास्थ्य देखभाल बेहतर हो सके।
गर्भवती महिलाओं और स्वास्थ्य योजनाओं पर जोर
बैठक में गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण पर भी चर्चा हुई। बहरागोड़ा और पटमदा जैसे प्रखंडों में गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण कम पाया गया। इन क्षेत्रों में महिलाओं का पंजीकरण कराने और चौथे एएनसी (एंटेनाटल चेकअप) को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, और प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना की प्रगति की भी समीक्षा की गई और इन योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर चर्चा की गई।
सिकल सेल एनीमिया और पोषण ट्रैकर एप की समीक्षा
बैठक में सिकल सेल एनीमिया के 77958 संभावित मरीजों की पहचान की गई। इनमें से 22 मरीजों की पुष्टि हुई है। सभी मरीजों का फॉलोअप करते हुए उन्हें उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, पोषण ट्रैकर एप की समीक्षा की गई। इस एप के माध्यम से 0-6 वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती माताओं की मॉनिटरिंग की जाती है। सभी संबंधित अधिकारियों को इस एप में शत-प्रतिशत डेटा इंट्री सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।
रिक्त पदों पर नियुक्ति और योजनाओं का विस्तार
बैठक में आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के रिक्त पदों की भी समीक्षा की गई। जिले में 36 सेविका और 87 सहायिका के पद खाली थे, जिन्हें जनवरी माह के अंत तक नियुक्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। इस संदर्भ में ग्राम सभा द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने की बात कही गई।
स्वास्थ्य और समाज कल्याण विभाग की इस समीक्षा बैठक ने जिले की स्वास्थ्य योजनाओं और सामाजिक कल्याण योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। विशेष रूप से, टीबी मुक्त भारत अभियान, कुपोषण उपचार, और संस्थागत डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित करते हुए, जिला दण्डाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन योजनाओं को सुदृढ़ करें और उनके उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा करें। साथ ही, टीबी मरीजों को गोद लेकर समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की अपील की गई, ताकि टीबी मुक्त भारत का सपना जल्द साकार हो सके।