Dugda Coal Scam: रात में गुप्त छापेमारी, 40 टन कोयला जब्त, सुरक्षाकर्मियों पर हमला, इलाके में सनसनी

दुगदा और जारंगडीह में कोयला तस्करी पर बड़ी कार्रवाई, 40 टन कोयला जब्त, चार सुरक्षाकर्मी घायल। प्रशासन और सरकार क्या कदम उठाएंगे? जानिए पूरी खबर।

Mar 23, 2025 - 15:33
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Dugda Coal Scam: रात में गुप्त छापेमारी, 40 टन कोयला जब्त, सुरक्षाकर्मियों पर हमला, इलाके में सनसनी
Dugda Coal Scam: रात में गुप्त छापेमारी, 40 टन कोयला जब्त, सुरक्षाकर्मियों पर हमला, इलाके में सनसनी

दुगदा में शुक्रवार रात जिला खनन विभाग और स्थानीय पुलिस ने एक गुप्त छापेमारी अभियान चलाकर कोयला तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। पटना गैरेज के समीप पुलिस ने एक ट्रक और एक ट्रैक्टर जब्त किया, जिनमें कुल 40 टन से अधिक कच्चा कोयला लदा हुआ था। जब्त ट्रक (JH 02 T 6398) में करीब 37 टन और ट्रैक्टर (JH 09 U 1422) में लगभग 4 टन कोयला लोड था। इस मामले में पुलिस ने दोनों वाहनों के चालकों को गिरफ्तार कर लिया है और दुगदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

खनन विभाग के इस छापेमारी दल में जिला खनन पदाधिकारी के अलावा खान निरीक्षक जितेंद्र कुमार और सीताराम टुडू के साथ स्थानीय पुलिस बल भी शामिल था। यह कार्रवाई कोयला माफियाओं के लिए एक बड़ी चेतावनी साबित हुई है, क्योंकि इससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।

कोयला चोरी रोकने गए सुरक्षाकर्मियों पर हमला, कई घायल

इसी बीच, जारंगडीह में कोयला चोरी को लेकर एक और बड़ा विवाद सामने आयाबोकारो थर्मल थाना क्षेत्र के जारंगडीह कांटा घर के पास सुरक्षा बलों और कोयला चोरों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस झड़प में सीसीएल के चार सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।

सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार सुबह सुरक्षा विभाग के गश्ती दल ने जब कोयला चोरी कर रहे गिरोह को रोकने की कोशिश की, तो वे हमलावर हो गए। इस हमले में सुरक्षा कर्मी धनेश्वर यादव, रामनाथ राय, मंटू सिंह और अकरम गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना की जानकारी सीसीएल जारंगडीह के सुरक्षा प्रभारी सुरेश राम ने क्षेत्रीय सुरक्षा प्रभारी सुनील कुमार गुप्ता और परियोजना अधिकारी (पीओ) को दी।

सीसीएल अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अवैध कोयला तस्करी का गढ़ बना झारखंड?

झारखंड, खासकर बोकारो और गिरिडीह क्षेत्र, देश के सबसे बड़े कोयला उत्पादक क्षेत्रों में शामिल हैं। यह इलाका कई दशकों से अवैध कोयला खनन और तस्करी का अड्डा बना हुआ है। कोयला माफिया इस काले कारोबार से करोड़ों रुपए कमा रहे हैं, जबकि सरकार को हर साल भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

खनन विभाग और पुलिस समय-समय पर छापेमारी करती है, लेकिन कोयला चोरी और तस्करी का यह धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहास्थानीय सूत्रों के अनुसार, कोयला चोरी का यह रैकेट बड़े नेटवर्क से जुड़ा हुआ है, जिसमें स्थानीय कारोबारियों से लेकर बाहरी राज्यों तक के अपराधी शामिल हैं

प्रशासन और सरकार को उठाने होंगे कड़े कदम

इस पूरी घटना के बाद प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कब तक अवैध कोयला खनन पर लगाम लगाई जाएगी?

  • सरकार को चाहिए कि अवैध कोयला खनन के खिलाफ कड़े कानून लागू करे।
  • स्थानीय पुलिस और खनन विभाग को ज्यादा अधिकार दिए जाएं, जिससे वे बड़े गिरोहों पर कार्रवाई कर सकें।
  • कोयला चोरी रोकने के लिए हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम और ड्रोन कैमरे लगाने की जरूरत है।
  • सुरक्षा बलों को और मजबूत बनाया जाए ताकि वे कोयला माफियाओं से निपट सकें।

झारखंड में कोयला खदानों से जुड़े अवैध धंधों का खेल काफी पुराना है, लेकिन प्रशासनिक सख्ती और कड़ी कार्रवाई से इस पर रोक लगाई जा सकती है। दुगदा और जारंगडीह की घटनाओं ने एक बार फिर इस मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती है?

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।