Jamshedpur Rural: सरकारी बाबू का बड़ा कारनामा, जिंदा महिला को किया मृत घोषित, पेंशन से वंचित!
जमशेदपुर के चाकुलिया में सरकारी बाबू की गलती से जिंदा महिला को मृत घोषित कर दिया गया, और वह वृद्धा पेंशन से वंचित रही। जानें पूरी कहानी।
चाकुलिया में सरकारी बाबू की लापरवाही का एक अजीब मामला सामने आया है, जहां एक जिंदा महिला को मृत घोषित कर दिया गया और इसके कारण वह वृद्धा पेंशन का लाभ पाने से वंचित रही। यह घटना श्यामसुंदरपुर पंचायत के श्यामसुंदरपुर गांव की है, जहां एक पंचायत सचिव की गलती से महिला को कई महीनों तक वृद्धा पेंशन से वंचित किया गया।
क्या हुआ था?
कामिनी देवी, जो श्यामसुंदरपुर गांव की निवासी हैं, जीवित हैं और चलने-फिरने में असमर्थ हैं, लेकिन पंचायत सचिव कृष्ण चन्द्र दंडपाठ ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, पिछले आठ महीनों से उन्हें वृद्धा पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। इस गंभीर गलती का पता तब चला, जब कामिनी देवी अपने बेटे के साथ प्रखंड कार्यालय पहुंचीं और बी.डी.ओ. (बлок विकास अधिकारी) को ज्ञापन सौंपकर अपनी समस्या को उजागर किया।
गलती का कारण और उसकी गंभीरता
यह गलती पंचायत सचिव के रिकॉर्ड में हुई चूक का नतीजा थी, जिसके कारण एक जीवित व्यक्ति को मृत मान लिया गया। इस गलती ने न केवल कामिनी देवी की जिंदगी मुश्किल बना दी, बल्कि उन्हें उनके अधिकारों से भी वंचित कर दिया। वृद्धा पेंशन की राशि एक महत्वपूर्ण सहारा है, खासकर उन बुजुर्गों के लिए जो शारीरिक रूप से असमर्थ हैं। कामिनी देवी जैसे कई वृद्धा महिलाओं के लिए यह योजना उनके जीवन यापन का अहम हिस्सा बन जाती है।
बीडीओ ने लिया त्वरित एक्शन
कामिनी देवी ने शनिवार को विधायक समीर मोहंती की समीक्षा बैठक के दौरान बीडीओ से मुलाकात की और उनसे अपील की कि उनकी समस्या का समाधान किया जाए। बीडीओ ने इस मामले को गंभीरता से लिया और वृद्धा पेंशन योजना के लाभ के लिए तुरंत सुधार करने का आश्वासन दिया। विधायक समीर मोहंती ने भी बीडीओ को निर्देश दिया कि वे इस मामले पर त्वरित कार्रवाई करें ताकि कामिनी देवी को उनके हक का लाभ मिल सके।
कामिनी देवी का दर्द
कामिनी देवी ने बताया कि उनके लिए वृद्धा पेंशन न मिलने से काफी मुश्किलें बढ़ गई हैं। वे चलने-फिरने में असमर्थ हैं और इस पेंशन पर निर्भर रहती थीं। उन्होंने कहा,
"मैं जिंदा हूं, लेकिन विभाग के बाबू ने मुझे मृत घोषित कर दिया, जिसके कारण मुझे पिछले आठ महीने से पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है।"
उनकी बातों में दर्द और निराशा साफ झलक रही थी, क्योंकि सरकारी लापरवाही के कारण उनका जीवन और भी कठिन हो गया था।
अधिकारी की गलती और सुधार की उम्मीद
इस प्रकार की घटनाएं सरकारी तंत्र की गंभीर खामियों को उजागर करती हैं। सरकारी बाबूओं की लापरवाही से लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। हालांकि, इस मामले में बीडीओ ने त्वरित कदम उठाए और सुधार की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कामिनी देवी को उनका अधिकार मिल जाएगा।
वृद्धा पेंशन का महत्व
वृद्धा पेंशन योजना एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है, जो वृद्ध व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत, पात्र वृद्ध व्यक्तियों को हर महीने कुछ निश्चित राशि दी जाती है, जिससे वे अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें। यह पेंशन उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो शारीरिक रूप से असमर्थ होते हैं और किसी प्रकार की आर्थिक मदद के बिना जीवन यापन नहीं कर सकते।
आगे की राह
यह मामला चाकुलिया में सरकारी बाबूओं की गलती और उनके द्वारा लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करने की ओर इशारा करता है। इसे लेकर प्रशासन को अपनी प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता है ताकि ऐसे मामलों को भविष्य में रोका जा सके। वहीं, कामिनी देवी और उनके जैसे अन्य लोगों को उनका हक मिलना बेहद जरूरी है।
आपका क्या विचार है?
क्या आपको लगता है कि सरकारी प्रक्रियाओं में इस तरह की चूक से लोगों को उनके अधिकारों से वंचित किया जाना चाहिए? क्या आपको लगता है कि इस मामले में सही कदम उठाए गए हैं? अपनी राय हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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