Bokaro Inspection: बोकारो में मिठाई दुकानों पर SDO और FSO की छापेमारी, सैंपल जांच के लिए भेजे गए!
बोकारो सेक्टर 4 में SDO और FSO ने मिठाई दुकानों पर छापेमारी कर सैंपल लिए। जानिए किस दुकान पर हुई कार्रवाई और क्या मिले अनियमितता के संकेत।
बोकारो सेक्टर 4 में खाद्य सुरक्षा को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। उपायुक्त श्रीमती विजया जाधव के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) चास सुश्री प्रांजल ढांडा और खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी (FSO) श्रीमती श्वेता लकड़ा ने सेक्टर 4 स्थित मिठाई और रेस्टोरेंट्स की औचक जांच की। इस दौरान कई प्रतिष्ठानों से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए, जिन्हें जांच के लिए राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजा जाएगा। अगर सैंपल में गड़बड़ी पाई जाती है, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किन प्रतिष्ठानों पर हुई कार्रवाई?
निरीक्षण के दौरान SDO और FSO ने कोजी स्वीट्स, मानसरोवर स्वीट्स एवं रेस्टोरेंट, मोती महल डिलक्स और नटखट स्वीट्स जैसी प्रतिष्ठित मिठाई दुकानों और रेस्टोरेंट्स का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने सभी दुकानों में खाद्य सामग्री, साफ-सफाई और गुणवत्ता की गहन जांच की।
क्यों हुई यह कार्रवाई?
यह छापेमारी खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत की गई, जिसका उद्देश्य मिलावटी खाद्य पदार्थों की पहचान और गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। हाल ही में कुछ क्षेत्रों में मिलावटी खाद्य पदार्थों की खबरों के बाद, उपायुक्त ने इस औचक जांच का आदेश दिया था।
सैंपल में गड़बड़ी पर होगी कड़ी कार्रवाई!
सभी प्रतिष्ठानों से लिए गए सैंपल को राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजा गया है। अगर इनमें मिलावट या गुणवत्ता में कमी पाई जाती है, तो संबंधित प्रतिष्ठानों पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रतिष्ठानों को इंप्रूवमेंट नोटिस जारी
जांच के दौरान SDO चास ने दुकानों में साफ-सफाई की स्थिति पर असंतोष जताया और इंप्रूवमेंट नोटिस जारी किया। सभी प्रतिष्ठानों को 14 दिनों के भीतर सफाई और खाद्य गुणवत्ता में सुधार करने के निर्देश दिए गए हैं।
FSO ने क्या कहा?
FSO श्रीमती श्वेता लकड़ा ने स्पष्ट किया कि –
"सभी प्रतिष्ठानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि खाने-पीने की चीजों में अनावश्यक रंगों का प्रयोग न हो, साफ पानी का उपयोग किया जाए और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए।"
खाद्य सुरक्षा का ऐतिहासिक संदर्भ – क्यों जरूरी है यह जांच?
भारत में खाद्य सुरक्षा का कानून 2006 में लागू किया गया था, जिसका उद्देश्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य उत्पाद उपलब्ध कराना है। यह कानून विशेष रूप से त्योहारों के दौरान महत्वपूर्ण हो जाता है, जब मिलावटी मिठाइयों और खाद्य पदार्थों की शिकायतें बढ़ जाती हैं।
क्या होगा अगला कदम?
SDO चास ने स्पष्ट किया कि –
"यह अभियान केवल एक शुरुआत है। नियमित अंतराल पर इसी प्रकार निरीक्षण और सैंपलिंग जारी रहेगी। मिलावटखोरी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।"
जनता के लिए संदेश: क्या रखें सावधानियां?
- खरीदारी के दौरान प्रतिष्ठान की स्वच्छता पर ध्यान दें।
- मिठाइयों का रंग अत्यधिक गहरा या चमकदार न हो।
- प्रतिष्ठान का लाइसेंस और गुणवत्ता प्रमाणपत्र जांचें।
बोकारो सेक्टर 4 में हुई इस बड़ी कार्रवाई ने एक स्पष्ट संदेश दिया है – स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस अभियान ने साफ कर दिया है कि प्रशासन अब खाद्य सुरक्षा को लेकर गंभीर है और किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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