बंगीय साहित्य संस्था का ‘आड्डा-55’: साहित्यिक विचारों की अद्भुत शाम

भिलाई में बंगीय साहित्य संस्था के तत्वावधान में आयोजित ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-55’ में कई बांग्ला साहित्यकारों ने भाग लिया। जानें इस साहित्यिक बैठक की खास बातें।

Sep 26, 2024 - 17:30
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बंगीय साहित्य संस्था का ‘आड्डा-55’: साहित्यिक विचारों की अद्भुत शाम
बंगीय साहित्य संस्था का ‘आड्डा-55’: साहित्यिक विचारों की अद्भुत शाम

भिलाई, 26 सितम्बर 2024: इस्पात नगरी भिलाई के इंडियन कॉफी हाउस में ‘बंगीय साहित्य संस्था’ के तत्वावधान में आयोजित ‘कॉफी विथ साहित्यिक विचार-विमर्श आड्डा-55’ में साहित्य प्रेमियों की अद्भुत बैठक हुई। इस सप्ताह के आड्डा में बांग्ला साहित्य के प्रतिष्ठित कवियों और लेखकों ने हिस्सा लिया और अपनी कविताओं का पाठ किया। बैठक का आयोजन 25 सितम्बर को हुआ, जिसमें साहित्य और संस्कृति पर गहन चर्चा की गई।

इस साहित्यिक आड्डा की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध लेखिका और ‘बंगीय साहित्य संस्था’ की उप सभापति स्मृति दत्ता ने की। संचालन किया कवि और नाट्यकार प्रकाशचंद्र मण्डल ने। आभार व्यक्त राष्ट्रवादी कवि बृजेश मलिक ने किया।

इस बैठक में शामिल साहित्यकारों में बांग्ला लिटिल मैगजीन ‘मध्य बलय’ के संपादक और कवि दुलाल समाद्दार, चर्चित कवि समरेंद्र विश्वास, राष्ट्रवादी कवि बृजेश मलिक, कवि बीरेंद्रनाथ सरकार, कवि पं. वासुदेव भट्टाचार्य और कवि प्रदीप भट्टाचार्य प्रमुख थे। सभी साहित्यकारों ने बांग्ला में अपनी रचनाओं का पाठ किया, जो वहां उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर गया।

खुकु दुलाल समाद्दार मेमोरियल फाउंडेशन की सराहना
बैठक के प्रारंभ में कवि प्रदीप भट्टाचार्य ने 15 सितम्बर को आयोजित ‘खुकु दुलाल समाद्दार मेमोरियल फाउंडेशन’ के राष्ट्रीय कविता महोत्सव की सफलतापूर्वक आयोजन के लिए फाउंडेशन के निर्देशक और संयोजक दुलाल समाद्दार को बधाई दी। इस महोत्सव में देशभर से आए कवियों ने भाग लिया था और 50 से अधिक कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया था।

साहित्यिक चर्चा और कविता पाठ
‘आड्डा-55’ में सभी उपस्थित कवियों ने बांग्ला भाषा में कविताएं प्रस्तुत कीं और साहित्य की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। चर्चा में यह बात भी आई कि कैसे बांग्ला साहित्य को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। सभी कवियों ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसे साहित्यिक आयोजनों से साहित्य और संस्कृति का संरक्षण संभव है।

बैठक के अंत में स्मृति दत्ता ने सभी साहित्यकारों और उपस्थित श्रोताओं का धन्यवाद किया और इस तरह से एक और साहित्यिक शाम का सफल समापन हुआ।

‘बंगीय साहित्य संस्था’ विगत 65 वर्षों से भिलाई में बांग्ला साहित्य, भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। संस्था के संस्थापक स्व. शिबव्रत देवानजी थे, जिनके द्वारा स्थापित यह संस्था आज भी साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।