Adityapur Attack: जलापूर्ति कंपनी कर्मचारियों पर जानलेवा हमला, सुपरवाइजर घायल
सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर में जलापूर्ति कंपनी के कर्मचारियों पर शुक्रवार देर रात अज्ञात हमलावरों ने हमला कर दिया। सुपरवाइजर गंभीर रूप से घायल हुए, कर्मचारियों में भय का माहौल और काम ठप। पुलिस ने जांच शुरू की।
सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात एक गंभीर घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। शेरे पंजाब इमली चौक के पास जलापूर्ति कंपनी के कर्मचारियों पर 20 से 30 अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया, जिसमें सुपरवाइजर प्रेम राज गंभीर रूप से घायल हो गए और एक अन्य कर्मचारी चिंटू सिंह को पैर में गंभीर चोट आई।
घटना का विवरण
जेडब्ल्यूजेएल इंट्रा लिमिटेड कंपनी पूरे आदित्यपुर क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए रोड रेस्टोरेशन का कार्य कर रही है। 19 सितंबर की रात लगभग 12:45 बजे, वाइन दुकान के बगल में यह काम चल रहा था। तभी अचानक अज्ञात हमलावरों ने ईंट, पत्थर, लाठी और लोहे की रॉड से हमला बोल दिया।
हमलावरों ने कर्मचारियों को धमकी दी – “काम बंद कर दो, वरना सभी का हाल प्रेम राज जैसा होगा।” इस हमले के बाद कर्मचारियों में भय और असुरक्षा की भावना व्याप्त हो गई, और रोड रेस्टोरेशन का काम पूरी तरह ठप हो गया।
कंपनी के एडमिन भावेश झा ने बताया कि इस घटना से न केवल कर्मचारियों का मनोबल गिरा है, बल्कि स्थानीय नागरिकों में भी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। उन्होंने आदित्यपुर थाना को लिखित आवेदन देकर सभी हमलावरों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।
पुलिस की प्रतिक्रिया
आदित्यपुर थाना ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि हमलावरों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं। इलाके में सुरक्षा बढ़ाने के लिए पुलिस दल तैनात किया गया है।
ऐतिहासिक और सामाजिक पृष्ठभूमि
सरायकेला-खरसावां जिले में पिछले कुछ वर्षों में निर्माण और जलापूर्ति परियोजनाओं के दौरान कई बार कर्मचारियों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं। पुराने रिकॉर्ड के अनुसार, कभी-कभी स्थानीय विवाद और व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता के कारण निर्माण कार्य प्रभावित होता रहा है।
स्थानीय इतिहास में देखा जाए तो आदित्यपुर और आसपास के इलाके में सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं और निजी जलापूर्ति परियोजनाओं को लेकर विवाद समय-समय पर गर्माया करता रहा है। कई बार स्थानीय विरोध और कर्मचारियों के प्रति प्रतिशोध इस तरह की हिंसा की वजह बन जाता है।
कर्मचारियों और नागरिकों की चिंता
इस हमले ने कर्मचारियों में सुरक्षा को लेकर डर और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। कर्मचारी अब खुले तौर पर काम करने से डर रहे हैं। कई ने यह भी कहा कि अगर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए, तो वे काम रोक सकते हैं।
स्थानीय नागरिक भी इस घटना से चिंतित हैं। कुछ लोगों ने कहा कि रात के समय सड़क पर काम करना जोखिम भरा हो गया है। वहीं, व्यापारियों और दुकानदारों को भी इस हिंसा से परेशानी हुई है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने कहा कि हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय लोगों से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इसके अलावा, कंपनी ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए अस्थायी सुरक्षा दल तैनात किया है।
स्थानीय प्रशासन ने भी आश्वासन दिया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि निर्माण और जलापूर्ति जैसे जरूरी कामों में भी कर्मचारियों की सुरक्षा एक गंभीर चुनौती है। प्रशासन, पुलिस और कंपनी को मिलकर सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में कोई भी कर्मचारी इस तरह के हमले का शिकार न बने।
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