Jamshedpur Clash: बर्मामाइंस में तलवारबाजी और हिंसक झड़प, 18 आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज
जमशेदपुर के बर्मामाइंस में दो गुटों के बीच तलवारबाजी और जानलेवा हमले की घटना, 18 लोगों पर मामला दर्ज। पुलिस जांच में जुटी, पढ़ें पूरी खबर।
जमशेदपुर के बर्मामाइंस थाना क्षेत्र में सोमवार को हुई हिंसक झड़प ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। दो पक्षों के बीच हुई इस खूनी मुठभेड़ में तलवारबाजी और जानलेवा हमले की घटनाएं सामने आई हैं। पुलिस ने इस मामले में कुल 18 लोगों को नामजद करते हुए दोनों पक्षों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह इलाका पहले भी गुटीय हिंसा के लिए चर्चित रहा है, लेकिन इस बार की घटना ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
क्या हुआ था झड़प में?
घटना बर्मामाइंस के इस्ट प्लांट बस्ती में हुई, जहां दोनों पक्षों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि तलवारें और हथियार निकल आए। पहले पक्ष की ओर से जगजीवन सिंह ने संतोष सिंह, संजीव सिंह, राजीव सिंह, अभिषेक सिंह और अन्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने रंगदारी मांगी, जानलेवा हमला किया और महिलाओं के साथ छेड़खानी की।
वहीं, दूसरे पक्ष के राजीव सिंह ने जीवन सिंह, मंगल सिंह और उनकी मां सहित एक अज्ञात व्यक्ति पर जान से मारने की नीयत से हमला करने का आरोप लगाया है। दोनों तरफ से लगे आरोपों ने पुलिस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
बर्मामाइंस पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए हैं और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में किसी भी पक्ष को बख्शा नहीं जाएगा और सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दोनों गुटों के बीच पुरानी दुश्मनी चली आ रही है, जो इस बार खूनखराबे तक पहुंच गई। पुलिस को आशंका है कि अगर समय रहते स्थिति पर काबू नहीं पाया गया, तो यह हिंसा और बढ़ सकती है।
इलाके का हिंसक इतिहास
बर्मामाइंस और आसपास के इलाकों में गुटवार हिंसा नई बात नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में यहां कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें तलवारबाजी और गोलीबारी तक की नौबत आई है। पुलिस के रिकॉर्ड बताते हैं कि इस्ट प्लांट बस्ती और आसपास के मोहल्लों में भूमि विवाद और स्थानीय दबंगों के बीच टकराव आम बात है।
क्या कहते हैं स्थानीय निवासी?
इस्ट प्लांट बस्ती के कई निवासियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां अक्सर ऐसी हिंसक घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन पुलिस की ढिलाई के कारण मामले दबा दिए जाते हैं। उनका आरोप है कि कुछ लोग पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि, पुलिस प्रशासन इस बात से इनकार करता है और कहता है कि हर मामले में कड़ी कार्रवाई की जाती है। इस बार भी सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
आगे की कार्रवाई
पुलिस ने दोनों पक्षों के आरोपों की गहन जांच शुरू कर दी है और संबंधित लोगों से पूछताछ की जा रही है। अगर आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपियों पर गैर-जमानती धाराएं लगाई जा सकती हैं। साथ ही, इलाके में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी कोई और घटना न हो।
इस मामले में अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस और प्रशासन इस हिंसा को जड़ से खत्म कर पाएंगे या यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा? जमशेदपुर के इस्ट प्लांट बस्ती के लोगों की नजरें अब पुलिस की कार्रवाई पर टिकी हैं।
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