Jamshedpur Attack: 16 वर्षीय अर्श पर चापड़ से वार, पुराने विवाद से जुड़ा मामला
जमशेदपुर बिष्टुपुर थाना क्षेत्र में 16 वर्षीय किशोर अर्श कुमार तिवारी पर बाइक सवार बदमाशों ने चापड़ से हमला कर दिया। घटना की जड़ पुराने विवाद से जुड़ी बताई जा रही है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
जमशेदपुर शहर शनिवार की रात अचानक सनसनीखेज वारदात से दहल उठा। बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के कॉन्वेंट स्कूल के पास उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब 16 वर्षीय अर्श कुमार तिवारी पर बाइक सवार बदमाशों ने चापड़ से हमला कर दिया। घायल किशोर जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से आर्चरी अभ्यास कर घर लौट रहा था।
वारदात की पूरी कहानी
कदमा शास्त्री नगर निवासी अर्श जैसे ही कॉन्वेंट स्कूल के पास पहुँचा, तभी काशीडीह के रहने वाले अनिकेत प्रसाद और निहाल खत्री ने उसे रोक लिया। देखते ही देखते हाथापाई शुरू हो गई। इस बीच, अनिकेत ने अचानक चापड़ निकाला और अर्श पर वार कर दिया। 16 वर्षीय किशोर लहूलुहान होकर गिर पड़ा और दोनों आरोपी फरार हो गए।
स्थानीय लोगों और उसके दोस्तों ने मिलकर तुरंत एक ऑटो की मदद से अर्श को टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) पहुँचाया। डॉक्टरों ने बताया कि उसकी हालत फिलहाल स्थिर है।
विवाद की असली जड़
सूत्रों की मानें तो यह हमला अचानक नहीं था। एक सप्ताह पहले हुई कहासुनी इसका कारण बनी। बताया जाता है कि अर्श के दोस्त हर्ष की बहन से छेड़छाड़ करने पर हर्ष और हमलावरों के बीच विवाद हुआ था। उसी रंजिश का नतीजा शनिवार की रात सामने आया।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि कॉन्वेंट स्कूल और जेआरडी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के आसपास अक्सर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। कई बार पुलिस को सूचना भी दी गई, लेकिन कार्रवाई न के बराबर रही। यही वजह है कि अपराधी बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे गए।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की गंभीरता को देखते हुए बिष्टुपुर थाना पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नागरिकों की चिंता
इस घटना ने अभिभावकों और नागरिकों के बीच सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। खेल से लौट रहे नाबालिग पर हमला यह सवाल खड़ा करता है कि शहर के भीड़-भाड़ वाले इलाके भी अब कितने सुरक्षित हैं?
स्थानीय लोगों ने पुलिस से अपील की है कि रात के समय संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाई जाए और असामाजिक तत्वों पर नकेल कसी जाए।
आगे की राह
पुलिस ने संकेत दिया है कि जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। वहीं, नागरिकों और सामाजिक संगठनों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए केवल पुलिस कार्रवाई ही नहीं, बल्कि समुदाय और प्रशासन को मिलकर ठोस पहल करनी होगी।
जमशेदपुर का यह मामला सिर्फ एक किशोर पर हमले की कहानी नहीं है, बल्कि यह शहर की बढ़ती असुरक्षा और प्रशासनिक चुनौतियों को भी सामने लाता है। सवाल यह है कि आखिर कब तक खेल से लौटते बच्चे, आम नागरिक और कामकाजी लोग असामाजिक तत्वों के डर में जीते रहेंगे?
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