Dorkasai Celebrate: डोरकासाई जेवियर पब्लिक स्कूल में 'जनजातीय गौरव दिवस' पर बिरसा मुंडा को याद क्यों किया गया
जेवियर पब्लिक स्कूल, डोरकासाई में 'जनजातीय गौरव दिवस' पर भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष और योगदान पर विशेष कार्यक्रम क्यों आयोजित हुआ? प्रधानाचार्य श्री राजीव रंजन ने छात्रों को बिरसा मुंडा के जीवन की कौन सी अनसुनी बातें बताईं? निबंध प्रतियोगिता में कक्षा 6 और 7 के छात्रों ने किस पर निबंध लिखा और छात्रों ने 'शब्द रूपी मोतियों की माला' क्यों पिरोई? जानिए इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम की पूरी कहानी।
7 नवंबर 2025 – भारत के इतिहास में उन नायकों का सम्मान करना आवश्यक है, जिन्होंने अपनी संस्कृति और अधिकारों के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जेवियर पब्लिक स्कूल, डोरकासाई में "जनजातीय गौरव दिवस" को बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह बच्चों को महान जननायक भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से परिचित कराने और उन्हें प्रेरित करने की एक सशक्त पहल थी। लेकिन आज के आधुनिक दौर में, बिरसा मुंडा का संघर्ष और त्याग बच्चों के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है, कि इस पर पूरे दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए?
बिरसा मुंडा: क्यों कहा जाता है इन्हें 'भगवान'
कार्यक्रम की शुरुआत में ही प्रधानाचार्य श्री राजीव रंजन ने अपने प्रेरणादायी संबोधन से पूरे विद्यालय के माहौल को ओजस्वी बना दिया।
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अन्याय के विरुद्ध संघर्ष: उन्होंने सभी शिक्षकों और छात्रों को बताया कि बिरसा मुंडा ने न केवल क्रूर अंग्रेजों के अन्याय के विरुद्ध संघर्ष किया, बल्कि उन्होंने जनजातीय समाज को 'उलगुलान' (महान हलचल) के लिए जागरूक किया।
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संस्कृति का संरक्षण: प्रधानाचार्य ने जोर देकर कहा कि बिरसा मुंडा का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने जनजातीय समाज को अपनी संस्कृति, परंपरा और जल-जंगल-जमीन जैसे अधिकारों के प्रति जागरूक किया। यही कारण है कि उन्हें आज भी 'धरती आबा' या भगवान के रूप में पूजा जाता है।
शब्द रूपी मोतियों की माला: छात्रों ने दी श्रद्धांजलि
'जनजातीय गौरव दिवस' के अवसर पर विद्यालय में छात्रों के लिए विशेष प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, ताकि वे अपने विचारों को खुलकर व्यक्त कर सकें।
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कक्षा परिचर्चा: इस दौरान कक्षा परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने समूह में बिरसा मुंडा के सामाजिक और आर्थिक योगदान पर विचार-विमर्श किया।
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निबंध प्रतियोगिता: निबंध लेखन प्रतियोगिता में कक्षा 6 और 7 के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। छात्रों ने अपने शब्द रूपी मोतियों की माला पिरोकर, भगवान बिरसा मुंडा के त्याग और वीरता को कागज़ पर उतारा।
शिक्षकों और प्रधानाचार्य ने छात्रों के ज्ञान और उत्साह की सराहना की। आज का यह कार्यक्रम यह साबित करता है कि जेवियर पब्लिक स्कूल केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों को देश के गौरवशाली इतिहास और सच्चे नायकों से जोड़ने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम ने छात्रों को न केवल इतिहास से जोड़ा, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों और संस्कृति का सम्मान करने की प्रेरणा भी दी।
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