Saranda Encounter: सारंडा के जंगलों में कोबरा जवानों ने नक्सलियों को क्यों ढेर किया, एक घंटे तक चली मुठभेड़ में अनल दस्ता को कितना नुकसान हुआ
पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगलों में जराईकेला के मारंगपोगा इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच 45 मिनट तक मुठभेड़ क्यों चली? नक्सलियों को भारी नुकसान होने और एक नक्सली के मारे जाने की सूचना क्यों मिली है? करोड़ों के इनामी नक्सली अनल दस्ता के खिलाफ ऑपरेशन जारी क्यों है? एसपी अमित रेणु ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील क्यों की? जानिए जंगल में जारी इस बड़े ऑपरेशन का पूरा अपडेट।
चाईबासा, 7 नवंबर 2025 – झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले स्थित सारंडा के घने जंगलों में एक बार फिर सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है, जिसमें नक्सलियों को भारी नुकसान पहुँचने की सूचना मिली है। यह एनकाउंटर जराईकेला थाना क्षेत्र के मारंगपोगा और तेताई के सीमावर्ती इलाकों में हुआ, जो झारखंड में नक्सली गतिविधियों को रोकने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस मुठभेड़ की खासियत यह है कि यह इलाका करोड़ों के इनामी नक्सली अनल दस्ता का सक्रिय क्षेत्र माना जाता है। सवाल यह है कि 45 मिनट से एक घंटे तक चले इस संघर्ष ने जंगल के शांति को किस तरह से भंग किया, और क्या सुरक्षाबल अनल दस्ता के करीब पहुंच पाए हैं?
कोबरा बटालियन ने दी चुनौती: नक्सलियों को भारी नुकसान
सारंडा के घने और दुर्गम जंगलों में कोबरा बटालियन के जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ विशेष अभियान छेड़ रखा है।
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मुठभेड़: सूत्रों के अनुसार, कोबरा बटालियन के जवानों और नक्सलियों के बीच लगभग 45 मिनट से एक घंटे तक गोलीबारी चली। इलाके में तनाव बना हुआ है और रुक-रुक कर गोलीबारी जारी रहने की सूचना है।
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नक्सली ढेर: शुरुआती सूचना के अनुसार, सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में एक नक्सली को ढेर कर दिया है। घटनास्थल से कुछ हथियार भी बरामद किए गए हैं। नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है।
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एसपी की पुष्टि: चाईबासा के एसपी अमित रेणु ने भी अभियान जारी रहने की पुष्टि की है।
अनल दस्ता का सक्रिय क्षेत्र: करोड़ों के इनामी पर लगी रोक
यह मुठभेड़ इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इलाका राज्य के सबसे खतरनाक नक्सली गिरोहों में से एक का गढ़ माना जाता है।
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इनामी नक्सली: बताया जा रहा है कि करोड़ों के इनामी नक्सली अनल दस्ता इस क्षेत्र में सक्रिय है। सुरक्षाबलों ने अनल दस्ता के अलग-अलग ठिकानों पर लगातार गतिविधियां जारी रखी हैं, ताकि उसकी गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
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मनोवैज्ञानिक दबाव: इस कार्रवाई से नक्सलियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है।
आत्मसमर्पण की अपील: एसपी ने क्यों दिखाया दया का रास्ता
एसपी अमित रेणु ने इस मुठभेड़ के बीच भी नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
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अपील: एसपी ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की है।
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जारी अभियान: फिलहाल सारंडा के जंगलों में सर्च ऑपरेशन और अभियान जारी है, ताकि इलाके को नक्सलियों से मुक्त कराया जा सके।
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