वक्फ संशोधन बिल 2024: देश में मुसलमानों और हिंदुओं के बीच बढ़ता विरोध और समर्थन
वक्फ संशोधन बिल 2024 पर मुसलमानों का विरोध और हिंदुओं का समर्थन ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। जानिए बिल की अहम बातें और विपक्ष की भूमिका।
नई दिल्ली, 10 सितंबर 2024: देश में वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर विरोध और समर्थन दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं। मुसलमान और हिंदू दोनों समुदाय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म x.com (पहले ट्विटर) पर इस मुद्दे को लेकर ट्रेंड कर रहे हैं। शुक्रवार को वक्फ संशोधन बिल की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की चौथी बैठक आयोजित की गई। इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और कई अन्य संगठनों ने अपने विचार रखे।
मुस्लिम समुदाय का विरोध
भारत में 21 करोड़ से अधिक मुस्लिम लोग हैं, और कई लोग वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर मुस्लिम समुदाय के लोग बिल को रोकने के लिए आवाज उठा रहे हैं। उनका मानना है कि अगर 50 लाख से भी अधिक लोग विरोध में शामिल हों, तो सरकार पर दबाव बन सकता है और बिल को रोका जा सकता है। वक्फ बोर्ड की जमीन का भारत में तीसरा सबसे बड़ा हिस्सा है, इसलिए मुस्लिम समुदाय इसे अपने अधिकारों पर हमला मान रहा है।
हिंदू समुदाय का समर्थन
दूसरी ओर, हिंदू समुदाय के लोग इस बिल के समर्थन में आगे आ रहे हैं। वे भी x.com पर बिल के समर्थन में ट्रेंड कर रहे हैं। उनका मानना है कि वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल गरीबों के भले के लिए नहीं हो रहा है। शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता नरेश म्हासके ने ANI से बातचीत में कहा कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग गरीबों के हित में होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इसीलिए वक्फ संशोधन बिल लाया गया है।
ASI और वक्फ बोर्ड की भूमिका
बैठक के दौरान, ASI के अधिकारियों ने जानकारी दी कि कई संपत्तियां, जिन्हें पहले भारत सरकार ने संरक्षित किया था, वक्फ बोर्ड ने बिना किसी ठोस प्रमाण के दावा कर दिया है। यह भी एक कारण है कि बिल को संसोधित किया जा रहा है ताकि संपत्तियों के उपयोग पर निगरानी रखी जा सके।
विपक्ष की कड़ी आलोचना
वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। ओवैसी जैसे नेताओं ने अपनी भाषणों के जरिए इस बिल के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है। नरेश म्हासके ने कहा कि विपक्ष में यह दिखाने की होड़ है कि कौन अधिक जोर से विरोध कर सकता है और अपनी ताकत दिखा सकता है। उन्होंने कहा कि बिल पर जितना विरोध किया जा रहा है, वह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति है।
समाज में बढ़ता तनाव
इस बिल को लेकर दोनों समुदायों के बीच तनाव और बहस तेज हो गई है। जहां मुस्लिम इसे अपने अधिकारों का हनन मान रहे हैं, वहीं हिंदू इसे संपत्तियों के सही उपयोग के लिए जरूरी कदम बता रहे हैं। अब देखना होगा कि जब यह बिल संसद में पेश किया जाएगा, तब क्या निर्णय लिया जाता है।
What's Your Reaction?