Saraikela Shocker: कॉलेज में खून खराबा! कपाली के पॉलिटेक्निक कॉलेज में विवाद, कीरिंग वाले चाकू से छात्र पर जानलेवा हमला, परीक्षा के बाद दहशत
सरायकेला के अल कबीर पॉलिटेक्निक कॉलेज में वाइवा परीक्षा के बाद दो छात्रों—ध्रुव कुमार और अमित सिन्हा—के बीच मारपीट हुई। विवाद बढ़ने पर अमित ने कीरिंग वाले चाकू से ध्रुव के चेहरे पर हमला कर दिया। कॉलेज प्रशासन ने अभिभावकों को बुलाकर मामले को शांत कराया।
जमशेदपुर से सटे सरायकेला खरसावां जिले के कपाली ओपी क्षेत्र स्थित अल कबीर पॉलिटेक्निक कॉलेज आज उस वक्त दहशत के माहौल में डूब गया, जब परीक्षा के तुरंत बाद दो छात्रों के बीच हुए मामूली विवाद ने एक खूनी रूप ले लिया। किसी बात को लेकर शुरू हुई कहासुनी के दौरान एक छात्र ने अपने साथी पर 'कीरिंग वाले चाकू' से हमला कर दिया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
यह घटना कॉलेज परिसरों में बढ़ती हिंसा और युवाओं में बढ़ते आवेश को दर्शाती है। सवाल यह है कि क्या शिक्षा के मंदिरों में भी अब छात्रों को अपनी सुरक्षा के लिए डरना पड़ेगा?
वाइवा के बाद शुरू हुआ विवाद
घटना के संबंध में बताया जाता है कि हमला उस दिन हुआ, जब कॉलेज में इलेक्ट्रिकल विभाग के पांचवें सेमेस्टर के छात्रों की वाइवा परीक्षा थी। परीक्षा के दबाव या किसी अन्य पुरानी बात को लेकर जुगसलाई निवासी ध्रुव कुमार और गोविंदपुर निवासी अमित सिन्हा के बीच विवाद उत्पन्न हो गया।
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चाकू से हमला: विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में आकर अमित सिन्हा ने अपने पास रखे कीरिंग वाले चाकू से ध्रुव पर अचानक प्रहार कर दिया।
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चेहरे पर चोट: चाकू के वार से ध्रुव के चेहरे पर हल्की चोटें आई हैं, लेकिन वार की जगह और आवेश को देखते हुए यह एक जानलेवा हमला हो सकता था।
कॉलेज परिसर में हुई इस हिंसक घटना ने बाकी छात्रों को स्तब्ध कर दिया। सवाल यह है कि कीरिंग वाले चाकू को क्या सुरक्षा कर्मियों ने कॉलेज में जाने की अनुमति दी थी, या कॉलेज की सुरक्षा में बड़ी चूक है?
अभिभावकों को बुलाया, मामला शांत कराया
घटना की जानकारी मिलने के बाद कॉलेज प्रशासन तुरंत सक्रिय हुआ। उन्होंने तत्काल दोनों छात्रों को बुलाकर उनके अभिभावकों को कॉलेज आने के लिए कहा।
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काउंसलिंग और चेतावनी: अभिभावकों के पहुँचने पर कॉलेज प्रशासन ने उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी। इसके बाद दोनों छात्रों को कड़ी चेतावनी देकर मामले को कॉलेज स्तर पर ही शांत कराया गया।
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कोई शिकायत नहीं: हलांकि यह घटना कितनी गंभीर थी, इसके बावजूद किसी भी पक्ष ने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई। यह फैसला भी अपने आप में एक प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।
यह पूरा घटनाक्रम शिक्षा संस्थानों में बढ़ते तनाव और युवाओं के बीच हिंसक प्रवृत्ति पर गंभीर विचार मांगता है। पुलिस के दखल के बिना यह मामला दबा दिया गया है, लेकिन कॉलेज परिसर में कीरिंग चाकू जैसे हथियार का इस्तेमाल होना भविष्य के लिए खतरे की घंटी है।
आपकी राय में, कॉलेज परिसरों में हिंसा और हथियार लेकर आने वाले छात्रों को रोकने के लिए प्रशासन को कौन से दो कड़े सुरक्षा उपाय तत्काल लागू करने चाहिए?
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