Bihar Blast: PK ने खेला पहला दांव! जन सुराज की 51 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी, रणनीतिकार राघोपुर से शुरू करेंगे चुनाव अभियान
प्रशांत किशोर (PK) की पार्टी जन सुराज ने बिहार सियासी दंगल के लिए 51 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की। प्रशांत किशोर खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन राघोपुर से चुनाव अभियान शुरू कर रणनीतिकार की भूमिका निभाएंगे। फेमस डॉक्टर और शिक्षाविदों को मिला मौका।
बिहार के सियासी दंगल में इस बार रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) की एंट्री ने माहौल गर्म कर दिया है। काफी इंतजार के बाद, उनकी पार्टी 'जन सुराज' ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। यह लिस्ट न केवल जन सुराज के इरादों को जाहिर करती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि PK परंपरागत राजनीति से हटकर एक अलग तरह का राजनीतिक प्रयोग करने जा रहे हैं।
भारत के राजनीतिक इतिहास में 'चाणक्य' की भूमिका हमेशा पर्दे के पीछे ही रही है। प्रशांत किशोर ने भी अब तक विभिन्न दलों के लिए यही भूमिका निभाई, लेकिन अब जब वह खुद की पार्टी लेकर मैदान में उतरे हैं, तो उनकी पहली चाल ने सभी को चौंका दिया है। जन सुराज की इस पहली लिस्ट में कुल 51 नाम शामिल हैं। इनमें स्थापित नेताओं के बजाय डॉक्टर, शिक्षक और सुलझे सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी गई है। PK का यह कदम बिहार की जातिगत और वंशवादी राजनीति को 'योग्यता' के आधार पर सीधी चुनौती देने जैसा है।
दो नामी डॉक्टर और जमीनी चेहरे
जन सुराज की इस लिस्ट में मुजफ्फरपुर से फेमस चिकित्सक अमन कुमार दास और मोतिहारी से नामी चिकित्सक डॉ अरूण कुमार को प्रत्याशी बनाना यह दिखाता है कि पार्टी पैसे और बाहुबल के बजाय शिक्षा और सेवा को केंद्र में रखना चाहती है।
यहाँ कुछ प्रमुख उम्मीदवार और उनके क्षेत्र हैं जिनसे पारंपरिक दलों के लिए मुश्किल बढ़ सकती है:
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लोरिया से सुनील कुमार
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सीतामढ़ी से उषा किरण
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दरभंगा से आरके मिश्रा
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छपरा से जयप्रकाश सिंह
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पटना कुम्हरार से केसी सिन्हा
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सोनपुर से चंदन लाल मेहता
सुपौल निर्मली से राम प्रवेश यादव और पूर्णिया बायसी से मोहम्मद शाहनवाज आलम जैसे मैदानी चेहरे भी इस लिस्ट में शामिल हैं, जो दिखाते हैं कि PK का नेटवर्क ग्राउंड लेवल पर कितना मजबूत हो चुका है।
PK का 'मास्टरस्ट्रोक': खुद चुनाव न लड़ना
चुनावी राजनीति में सबसे बड़ी अटकल यह थी कि प्रशांत किशोर किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि वह सिर्फ चुनाव की रणनीति तैयार करेंगे। यह फैसला एक मास्टरस्ट्रोक की तरह देखा जा रहा है। खुद चुनाव न लड़कर, उन्होंने खुद को किसी एक सीट तक सीमित होने से बचा लिया है और अब वह पूरी पार्टी के लिए अकेले स्टार प्रचारक और 'सुपर-रणनीतिकार' की भूमिका निभा सकते हैं**।**
राघोपुर से 'महागठबंधन' को सीधी चुनौती
सबसे बड़ा राजनीतिक धमाका यह है कि प्रशांत किशोर अपने चुनावी अभियान की शुरुआत राघोपुर से करेंगे। राघोपुर वह सीट है, जो आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र है। यह कोई संयोग नहीं है। यह सीधे तौर पर बिहार के सबसे बड़े युवा चेहरे तेजस्वी को चुनौती देने और बिहार की परंपरागत राजनीति के केंद्र में हलचल मचाने की रणनीति है। राघोपुर के मैदान से शंखनाद करके, PK ने साफ कर दिया है कि उनका लक्ष्य केवल कुछ सीटें जीतना नहीं, बल्कि सत्ता के दावेदारों के गढ़ को हिलाना है।
जन सुराज की यह पहली लिस्ट और रणनीतिक घोषणा आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति को एक नई दिशा दे सकती है। क्या यह 'वैकल्पिक राजनीति' का प्रयोग सफल होगा या बिहार के पुराने योद्धा ही मैदान मारेंगे?
आपकी राय में, प्रशांत किशोर का खुद चुनाव न लड़ना जन सुराज की चुनावी संभावनाओं को मजबूत करेगा या कमजोर?
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