Saraikela Accident Shock: टैंकर की चपेट में आया बाइक सवार, मौके पर मौत, भाग निकला ड्राइवर!
सरायकेला के आदित्यपुर में टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर एक दर्दनाक हादसे में टैंकर की चपेट में आकर बाइक सवार की मौके पर ही मौत हो गई। चालक फरार, जांच में जुटी पुलिस।

झारखंड के सरायकेला ज़िले में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है और ताज़ा मामला आदित्यपुर थाना क्षेत्र का है, जहां टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर स्थित डीवीसी मोड़ पर सोमवार को एक भयावह सड़क दुर्घटना ने सबको हिला दिया। एलपीटी टैंकर की चपेट में आकर एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान आदित्यपुर भाटिया बस्ती निवासी राज गोपाल मंडल के रूप में की गई है।
यह दुर्घटना इतनी तेजी से हुई कि प्रत्यक्षदर्शी भी पल भर के लिए समझ नहीं पाए कि क्या हुआ। स्थानीय लोगों के अनुसार, टैंकर चालक ने ट्रैफिक सिग्नल को नजरअंदाज करते हुए तेज़ी से भागने की कोशिश की और इसी दौरान शनि मंदिर की ओर जा रहे बाइक सवार को पीछे से रौंद डाला।
तेज़ी की होड़ में बुझी ज़िंदगी की लौ
घटना की शुरुआती जानकारी के मुताबिक, टैंकर कांड्रा की ओर जा रहा था और सुधा डेयरी मोड़ के पास लगे ट्रैफिक सिग्नल को पार करने के प्रयास में चालक ने रफ्तार बढ़ा दी। इसी दौरान बाइक सवार राज गोपाल मंडल, जो शनि मंदिर की दिशा से आ रहे थे, टैंकर के पिछले चक्के की चपेट में आ गए। हादसा इतना भयानक था कि मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद टैंकर चालक मौके से फरार हो गया, जिससे यह मामला "हिट एंड रन" का रूप ले चुका है। अब पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।
सवालों में सड़क सुरक्षा: क्या हैं नियम, और कौन माने?
यह कोई पहला मौका नहीं है जब टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर ऐसी जानलेवा दुर्घटना हुई हो। बीते दो वर्षों में इसी मार्ग पर दर्जनों सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें से कई में जानें जा चुकी हैं।
इतिहास पर नजर डालें तो:
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2023 में सुधा डेयरी मोड़ के पास ही एक ऑटो और बाइक की टक्कर में दो लोगों की मौत हुई थी।
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2022 में डीवीसी मोड़ पर ट्रक और साइकिल सवार की भिड़ंत में एक किशोर की जान चली गई थी।
इसके बावजूद ट्रैफिक सिग्नल और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी आज भी जारी है।
ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस की जवाबदेही
हादसे के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की कि ट्रैफिक सिग्नल पर सीसीटीवी लगाए जाएं और तेज़ रफ्तार भारी वाहनों की नियमित जांच हो।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतक के शव को कब्जे में लिया और दोनों वाहनों—टैंकर व बाइक—को जब्त कर लिया है। अब पुलिस फरार चालक की तलाश में जुटी है और ट्रैफिक सिग्नल क्षेत्र में लगे कैमरों की मदद से उसकी पहचान करने की कोशिश की जा रही है।
क्या जानलेवा रफ्तार पर कभी लगेगी लगाम?
राज गोपाल मंडल की यह दर्दनाक मौत सिर्फ एक व्यक्ति की ज़िंदगी का अंत नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल है—क्या तेज़ रफ्तार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे या यूं ही सड़कें खून से लाल होती रहेंगी?
बढ़ते ट्रैफिक, लचर नियम पालन और बेपरवाह वाहन चालकों के चलते अब आम नागरिक का सड़क पर सुरक्षित लौटना भी एक चमत्कार जैसा बनता जा रहा है।
इस घटना ने फिर से ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम सिर्फ "दुर्घटना के बाद कार्रवाई" तक ही सीमित रहेंगे, या पहले से तैयारी करके जान बचाना भी सीखेंगे?
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