Samaharnalaya Review: किसानों के लिए बड़ी योजना, ऋण माफी और वैकल्पिक खेती पर जोर!

समाहरणालय में उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला की अध्यक्षता में कृषि योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। किसानों को केसीसी, ऋण माफी और वैकल्पिक खेती का लाभ देने के निर्देश दिए गए।

Feb 17, 2025 - 20:38
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Samaharnalaya Review: किसानों के लिए बड़ी योजना, ऋण माफी और वैकल्पिक खेती पर जोर!
Samaharnalaya Review: किसानों के लिए बड़ी योजना, ऋण माफी और वैकल्पिक खेती पर जोर!

रांची: कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए समाहरणालय सभागार में उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला की अध्यक्षता में अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान कृषि, पशुपालन, गव्य विकास और सहकारिता विभागों के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट पेश की। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी योजनाओं का लाभ किसानों तक प्रभावी रूप से पहुंचाया जाए और पूर्व में दिए गए निर्देशों का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

किसानों को मिलेगा केसीसी और ऋण माफी का लाभ

बैठक में सबसे अहम चर्चा किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना पर हुई। उपायुक्त ने निर्देश दिया कि सभी पात्र किसानों का जल्द से जल्द केसीसी पंजीकरण किया जाए और 100% पात्र किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ मिले

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कृषि ऋण माफी योजना के तहत राज्य सरकार छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज माफ कर रही है, ताकि उन्हें खेती के लिए नया वित्तीय सहयोग मिल सके। यह योजना झारखंड में खासतौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद है, जो आर्थिक तंगी के कारण खेती नहीं कर पा रहे थे।

अफीम की खेती छोड़ें, वैकल्पिक खेती अपनाएं!

बैठक के दौरान एक महत्वपूर्ण मुद्दा अफीम की खेती पर भी उठा। उपायुक्त ने कहा कि अफीम की खेती करने वाले किसानों को सरकार की मदद से वैकल्पिक फसलों की ओर मोड़ने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत किसानों को नए बीज, उर्वरक और प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे गेहूं, दलहन, तिलहन जैसी फसलें उगाकर अपनी आजीविका सुधार सकें।

झारखंड में अफीम की खेती का इतिहास

झारखंड में अफीम की खेती का एक पुराना इतिहास रहा है। कुछ इलाकों में अफीम की अवैध खेती की जाती रही है, जिससे किसान कानूनी पचड़ों में फंस जाते हैं। सरकार लगातार कोशिश कर रही है कि किसान इस अवैध खेती से हटकर वैकल्पिक खेती की ओर बढ़ें। इससे न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगे।

पशुपालन और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के निर्देश

उपायुक्त ने बैठक में पशुपालन एवं गव्य विकास विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत चुने गए लाभार्थियों को जल्द से जल्द पशु वितरण किया जाए और बाकी लंबित आवेदनों का निपटारा जल्द किया जाए

इस योजना के तहत सरकार गरीब किसानों को गाय, भैंस, बकरी जैसे पशु उपलब्ध कराती है, जिससे उनकी आय में इजाफा हो सके। झारखंड में मत्स्य पालन को भी बढ़ावा देने के लिए जिला मत्स्य पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि वे किसानों को तालाब खुदवाने, मछली पालन तकनीक और सब्सिडी जैसी सरकारी मदद से अवगत कराएं।

कृषि योजनाओं का व्यापक प्रचार जरूरी

बैठक में उपायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उन्होंने कहा कि कई किसान योजनाओं के बारे में जानते ही नहीं, जिससे वे उनका लाभ नहीं उठा पाते। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर किसानों तक सभी सरकारी सुविधाएं पहुंचाएं।

बैठक में कौन-कौन रहे मौजूद?

इस अहम समीक्षा बैठक में अपर उपायुक्त जयवर्धन कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी रौशन कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी और भूमि संरक्षण पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

झारखंड के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशासन लगातार नई योजनाओं पर काम कर रहा है। केसीसी, ऋण माफी, वैकल्पिक खेती और पशुपालन जैसी योजनाओं से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार का फोकस अब अफीम की अवैध खेती छोड़कर लाभदायक फसलों को अपनाने पर है। आने वाले समय में इन योजनाओं का असर कितना पड़ता है, यह देखना दिलचस्प होगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।