Ranchi Plane Crash : रांची के होहार युवा पीयूष पुष्प की दक्षिण अफ्रीका में ट्रेनिंग के दौरान विमान क्रैश में दर्दनाक मौत, वल्कन एविएशन इंस्टीट्यूट में तकनीकी खराबी से हादसा, झारखंड में शोक की लहर, पार्थिव शरीर लाने की प्रक्रिया शुरू
रांची के 20 वर्षीय युवा पीयूष पुष्प की दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में पायलट ट्रेनिंग के दौरान विमान क्रैश में मौत हो गई है। अरगोड़ा कटहल मोड़ के रहने वाले पीयूष वल्कन एविएशन इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग ले रहे थे। हादसा तकनीकी खराबी के कारण हुआ। भारतीय दूतावास पार्थिव शरीर को भारत लाने की प्रक्रिया में जुटा है।
आसमान को छूने का एक सपना आज हजारों फीट की ऊंचाई से गिरकर बिखर गया। झारखंड की राजधानी रांची के अरगोड़ा कटहल मोड़ लाजपत नगर के रहने वाले 20 वर्षीय होहार युवा पीयूष पुष्प की दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में पायलट ट्रेनिंग के दौरान एक दर्दनाक विमान हादसे में मौत हो गई है। यह हादसा उन तमाम युवाओं के लिए गहरे शोक का विषय है, जो विमानन के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना देखते हैं।
विमानन का इतिहास हमेशा रोमांच और खतरे से भरा रहा है। भारत में पायलट बनने का सपना देखने वाले कई छात्र बेहतर ट्रेनिंग के लिए दुनिया के प्रतिष्ठित एविएशन इंस्टीट्यूट्स का रुख करते हैं। पीयूष भी उन्हीं उज्ज्वल भविष्य के तलाशियों में से एक थे। उनके पिता टीएन साहू जवाहर विद्या मंदिर श्यामली के पूर्व शिक्षक रहे हैं, इसलिए पीयूष का परिवार और परिचय का दायरा शहर में काफी विस्तृत है।
वल्कन एविएशन में ट्रेनिंग के दौरान हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, पीयूष पुष्प जोहानसबर्ग के प्रतिष्ठित 'वल्कन एविएशन इंस्टीट्यूट' में अपनी पायलट ट्रेनिंग ले रहे थे। इस तरह की ट्रेनिंग फ्लाइट्स अक्सर छात्रों को असली उड़ान का अनुभव देने के लिए नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं।
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तकनीकी खराबी: ट्रेनिंग फ्लाइट के दौरान ही उनके विमान में अचानक तकनीकी खराबी आ गई, जिसके चलते विमान नियंत्रण से बाहर हो गया और क्रैश हो गया।
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अस्पताल में मौत: दुर्घटना के बाद गंभीर रूप से घायल पीयूष को तुरंत निकटतम अस्पताल पहुंचाया गया था, लेकिन गहरे जख्मों के कारण इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
रांची में शोक की लहर और दूतावास की पहल
पीयूष की अचानक और दर्दनाक मौत की खबर से रांची में गहरा शोक छा गया है। जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के पूर्व छात्र रहे पीयूष को उनके स्कूल मित्रों, शिक्षकों और परिचितों ने एक बेहद **होनहार और ऊर्जावान युवा के रूप में याद किया है, जिसका भविष्य बहुत उज्जवल माना जा रहा था।
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पार्थिव शरीर लाने की प्रक्रिया: जोहानसबर्ग स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप किया है। पीयूष के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए सभी औपचारिक और कानूनी प्रक्रियाएं शुरू कर दी गई हैं।
पीयूष का यह निधन केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे रांची शहर के लिए एक अपूरणीय क्षति है। यह घटना एक बार फिर से पायलट ट्रेनिंग में सुरक्षा मानकों और तकनीकी जांच की गहनता पर सवाल खड़ा करती है।
आपकी राय में, अंतरराष्ट्रीय एविएशन ट्रेनिंग संस्थानों में इस तरह के दुर्घटनाओं को रोकने और तकनीकी खराबी को टालने के लिए ट्रेनिंग विमानों के रखरखाव में कौन से दो सबसे महत्वपूर्ण सुधार किए जाने चाहिए?
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