Literature Award 2025: रांची की कवयित्री नंदा पाण्डेय को जयपुर साहित्य संगीति सम्मान 2025 से नवाजा गया
रांची की कवयित्री नंदा पाण्डेय को उनकी कविता संग्रह "मनरंगना" के लिए जयपुर साहित्य संगीति सम्मान 2025 से नवाजा गया। जानें इस सम्मान के बारे में और इसकी महत्ता।
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जयपुर साहित्य संगीति के प्रतिष्ठित "साहित्योत्सव एवं जयपुर सम्मान 2025" अलंकरण समारोह में रांची की प्रसिद्ध कवयित्री नंदा पाण्डेय को उनके कविता संग्रह "मनरंगना" के लिए राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह में देशभर के साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिती दर्ज की, जहां नंदा पाण्डेय को उनके अद्वितीय लेखन और कविता में छिपी संवेदनाओं के लिए यह सम्मान प्राप्त हुआ।
जयपुर साहित्य संगीति का इतिहास और महत्ता:
जयपुर साहित्य संगीति, जो हर साल आयोजित की जाती है, भारतीय साहित्य के समर्पित मंचों में से एक है। यह समारोह साहित्य की विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लेखकों और कवियों को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस सम्मान के माध्यम से न केवल साहित्य की समृद्धि को सराहा जाता है, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं को उकेरने वाले लेखकों के योगदान को भी मान्यता दी जाती है।
नंदा पाण्डेय का योगदान और "मनरंगना":
नंदा पाण्डेय की कविता संग्रह "मनरंगना" ने साहित्य जगत में एक नई लहर पैदा की है। यह संग्रह उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं, मानव भावनाओं और समाज के विविध रंगों को उकेरता है। नंदा पाण्डेय की कविताओं में गहरी संवेदनशीलता और आत्मनिर्भरता झलकती है, जो पाठकों को एक विशेष यात्रा पर ले जाती है।
अलंकृत होने पर क्या कहा नंदा पाण्डेय ने:
सम्मान मिलने के बाद नंदा पाण्डेय ने इस सम्मान को साहित्य की शक्ति और समाज में इसके प्रभाव की प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें अपने लेखन के प्रति और अधिक प्रेरित करता है और वह आगे भी समाज के विभिन्न मुद्दों पर अपनी कलम से योगदान देती रहेंगी।
समारोह में अन्य साहित्यकारों की उपस्थिती:
जयपुर साहित्य संगीति सम्मान समारोह में देशभर के विभिन्न प्रसिद्ध साहित्यकार और लेखक भी उपस्थित थे, जिन्होंने अपने विचारों से इस आयोजन को और भी यादगार बना दिया। इस अवसर पर अरविंद कुमार संभव, जो जयपुर साहित्य संगीति के संयोजक हैं, ने कहा कि यह सम्मान समारोह हर वर्ष साहित्य जगत को एक नई दिशा देने के लिए आयोजित किया जाता है।
जयपुर साहित्य संगीति सम्मान 2025 का यह आयोजन न केवल नंदा पाण्डेय के लिए एक विशेष उपलब्धि है, बल्कि भारतीय साहित्य की विविधता और समृद्धि को भी एक नई पहचान देता है। यह सम्मान लेखकों और कवियों को उनके प्रयासों के लिए सराहने का एक महान अवसर है।
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