One Crore Pandal Mahakumbh : जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर का प्रयागराज कुंभ में अद्भुत नजारा
जानिए प्रयागराज के महाकुंभ में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी के 1 करोड़ के पंडाल (One Crore Pandal Mahakumbh) की खासियत, जिसमें गुजरात की संस्कृति, 20 बेड का अस्पताल और 5000 लोगों की विशाल डाइनिंग हॉल क्षमता शामिल है।
One Crore Pandal Mahakumbh में बना महामंडलेश्वर का पंडाल: महाकुंभ में भव्यता का प्रतीक
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी महाराज का 1 करोड़ रुपये का भव्य पंडाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इस भव्य पंडाल की खासियत न केवल इसकी भव्यता है, बल्कि इसमें उपलब्ध सुविधाएं और आध्यात्मिकता के साथ सामाजिक कल्याण के कार्य भी इसे विशेष बनाते हैं।
गुजरात की संस्कृति पर आधारित डिज़ाइन
महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी महाराज का यह पंडाल गुजरात की वास्तुकला पर आधारित है। इसमें सोमनाथ मंदिर और द्वारका के मंदिरों की झलक देखने को मिलती है। पंडाल का हर हिस्सा गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
- पंडाल को महज 35 से 38 दिनों में तैयार किया गया है।
- इसमें एक भव्य मंदिर, 24/7 संचालित 20 बेड का अस्पताल और 5000 लोगों की डाइनिंग हॉल क्षमता शामिल है।
- यह पंडाल हर साल कुंभ में नई थीम के साथ तैयार किया जाता है, और इस बार गुजरात की संस्कृति को प्राथमिकता दी गई है।
भोजन की विशाल व्यवस्था: 15000-20000 लोगों की सेवा
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पंडाल में विशाल भंडारे की व्यवस्था है।
- डाइनिंग हॉल की क्षमता: एक बार में 5000 लोगों को भोजन कराया जा सकता है।
- प्रतिदिन भोजन की संख्या: लगभग 15000 से 20000 लोग भोजन करते हैं।
- रसोई में काम करने वाली टीम: 300 से अधिक लोग भोजन तैयार करते हैं।
भंडारे में भोजन की आपूर्ति सुचारु रूप से होती है। राशन और सब्जियों की व्यवस्था स्थानीय बाजार से की जाती है और इसे हर दिन ताज़ा रूप में लाया जाता है।
24/7 अस्पताल की सुविधा
महामंडलेश्वर के पंडाल में 20 बेड का अस्पताल संचालित है, जो दिन-रात श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर है।
- ओपीडी का आंकड़ा: प्रतिदिन 700-800 मरीजों का इलाज किया जाता है।
- पंडाल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम हर समय उपलब्ध रहती है।
यह सुविधा श्रद्धालुओं को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी महाराज का योगदान
आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद जी महाराज आध्यात्मिक शिक्षाओं के साथ सामाजिक कल्याण में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
- वे जूना अखाड़े के प्रमुख आध्यात्मिक नेता हैं।
- उनके प्रयासों का उद्देश्य सामाजिक जागरूकता, मानव कल्याण और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करना है।
इतिहास में पहली बार 1 करोड़ का पंडाल
महाकुंभ के इतिहास में पहली बार 1 करोड़ रुपये की लागत से इतना भव्य पंडाल तैयार किया गया है।
- यह पंडाल न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुविधा का केंद्र है, बल्कि इसमें आधुनिक और पारंपरिक वास्तुकला का अद्भुत मेल है।
- हर साल जूना अखाड़ा अपनी थीम से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, लेकिन इस बार की भव्यता ने इतिहास रच दिया है।
महाकुंभ की परंपरा और भविष्य का संदेश
महाकुंभ भारत की सबसे प्राचीन परंपराओं में से एक है, जिसकी जड़ें ऋग्वेद और पुराणों में मिलती हैं। हर कुंभ का आयोजन श्रद्धालुओं को अध्यात्म, सेवा और मानवता के करीब लाने का काम करता है। इस बार का कुंभ सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करने का माध्यम बना है।
1 करोड़ रुपये का यह पंडाल न केवल भव्यता का प्रतीक है, बल्कि यह बताता है कि आधुनिकता और आध्यात्मिकता एक साथ कैसे आगे बढ़ सकती हैं।
What's Your Reaction?