Nawada Meeting: बाल विकास योजनाओं की समीक्षा, आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण अनिवार्य, एक्शन में आए प्रशासन
नवादा जिले में बाल विकास परियोजना के तहत आयोजित मासिक समीक्षा बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण और बाल विकास योजनाओं की स्थिति पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने कई अहम निर्देश दिए, जानिए पूरी जानकारी।
नवादा – बाल विकास परियोजना के तहत जिले में संचालित योजनाओं और सेवाओं की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन जिला पदाधिकारी श्री रवि प्रकाश की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में हुआ। बैठक में जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों और उनके संचालन की स्थिति की गहन समीक्षा की गई।
जिलाधिकारी ने बैठक में बिंदुवार समीक्षा करते हुए सभी सीडीपीओ और सुपरवाइजर को आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों के लक्ष्यों के अनुपालन की निगरानी करने का भी आदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन एलएस (लिवलीहुड सपोर्ट) द्वारा लक्ष्य के 75 प्रतिशत से कम केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा, उनके वेतन को अवरूद्ध कर दिया जाएगा।
यह निर्णय जिले में बाल विकास योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बच्चों के पोषण, शिक्षा और सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
क्या है बाल विकास योजना?
बाल विकास परियोजना एक अहम सरकारी योजना है, जो बच्चों, खासकर गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से शिशु पोषण, मातृत्व सेवाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य परीक्षण और बाल संरक्षण के कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि नवादा जिले में कुल 2670 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से 1067 केंद्रों का अपना भवन है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत 0 से 1 वर्ष के बच्चों के लिए 11762 लाभार्थी पंजीकृत किए गए हैं, जबकि 1 से 2 वर्ष के बच्चों के लिए 224 लाभार्थियों को पंजीकरण किया गया है।
महिला पर्यवेक्षकों को महत्वपूर्ण निर्देश
जिलाधिकारी ने महिला पर्यवेक्षकों से कहा कि वे आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच में अपनी प्राथमिकता बढ़ाएं। निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, और पोषण ट्रैकर पर एंट्री की केंद्रवार समीक्षा की जाए। इसके अलावा, लाभार्थियों के चेहरा सत्यापन के बाद ही केंद्रों में पोषाहार का वितरण ससमय किया जाए।
टीएचआर का वितरण और बाल संरक्षण पर विशेष ध्यान
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि बच्चों का टीएचआर (टेम्परी हाइट रिकवरी) समय पर और सही मानक के अनुसार वितरित किया जाए। इसके साथ ही, बाल संरक्षण योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने परवरिश योजना के तहत एचआईवी और कुष्ट रोगियों के लिए सदर अस्पताल से डाटा एकत्र करने का आदेश दिया, ताकि ऐसे परिवारों को योजनाओं का लाभ मिल सके।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं का ध्यान
जिलाधिकारी ने आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय निर्माण और पेयजल की सुविधा के लिए चापाकल या नल-जल कनेक्शन सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया। महिला पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे प्रतिदिन कम से कम पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच करें और सेविकाओं द्वारा वितरित किए गए टीएचआर का डाटा अपलोड करना सुनिश्चित करें।
समाप्ति और भविष्य की योजना
बैठक में बाल संरक्षण प्रभारी डॉ. राज कुमार सिंह, डीपीओ आईसीडीएस श्रीमती निरुपमा शंकर, सभी सीडीपीओ और सुपरवाइजर भी उपस्थित थे। इस बैठक का उद्देश्य बाल विकास परियोजना की योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाना है, ताकि बच्चों की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
नवादा में बाल विकास योजनाओं की सफलता के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, जो जिला प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है।
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