Nawada: Poetry Symposium में रंग, अटल जयंती पर कवियों ने गूंजीं दिल को छू लेने वाली रचनाएं
नवादा में अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती पर भव्य कवि संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जानिए कैसे कवियों ने अपनी रचनाओं से अटल जी के विचारों और योगदान को स्मरण किया।
नवादा, 26 दिसंबर: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100वीं जयंती पर बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा डायट भवन, नवादा में एक भव्य कवि संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन शिक्षा विभाग के सहयोग से किया गया, जिसमें अटल जी के विचारों और उनकी कविताओं को शब्दों के माध्यम से जीवंत किया गया।
शुभारंभ का भव्य आयोजन
इस ऐतिहासिक अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत नवादा सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्री अखिलेश कुमार द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। कार्यक्रम में जिले के प्रतिष्ठित कवियों ने अपनी शानदार रचनाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रमुख कवि और उनकी रचनाएं
संगोष्ठी में वीणा मिश्रा, उदय भारती, अरुण कुमार वर्मा, नरेंद्र प्रसाद सिंह, साफिक जानी, मुकेश सिंहा, और डॉ. भागवत प्रसाद जैसे मशहूर कवि शामिल हुए। इन कवियों ने अपनी कविताओं में अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचारों, काव्य-प्रतिभा और उनके देशप्रेम को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।
अटल बिहारी वाजपेयी: एक महान व्यक्तित्व
अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक अद्वितीय राजनेता थे, बल्कि उनकी कविताएं और भाषण उनकी संवेदनशीलता और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक हैं। उनकी कविताएं जैसे "हार नहीं मानूंगा" और "गीत नया गाता हूं" आज भी लोगों के दिलों में जोश और प्रेरणा का संचार करती हैं।
अटल जी का जीवन दर्शन और उनके काव्य का उद्देश्य समाज को जागरूक करना और हर नागरिक को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करना था।
साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास
इस कवि संगोष्ठी का उद्देश्य अटल जी के बहुमूल्य योगदान को याद करना और उनकी विचारधारा को युवा पीढ़ी तक पहुंचाना था। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अधिकारियों और कवियों ने अटल जी के साहित्यिक, सामाजिक और राजनैतिक योगदान को सराहा।
कार्यक्रम में साहित्य और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहलुओं पर चर्चा की गई। उपस्थित अधिकारियों में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, डायट प्रिंसिपल, और जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी शामिल थे।
युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत
यह आयोजन युवाओं को अटल जी की प्रेरणादायक विचारधारा से जोड़ने का एक प्रयास था। कविताओं और विचारों के माध्यम से उन्हें यह संदेश दिया गया कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी हार न मानें और अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाएं।
कार्यक्रम में मौजूद हर व्यक्ति ने इस बात को महसूस किया कि साहित्यिक आयोजनों के माध्यम से सामाजिक और राष्ट्रीय मूल्यों को प्रोत्साहित करना कितना जरूरी है।
इतिहास और कवि संगोष्ठियों का महत्व
भारत में कवि संगोष्ठियां और साहित्यिक आयोजन हमेशा से सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का माध्यम रहे हैं। यह आयोजन भी उसी परंपरा का हिस्सा था, जहां अटल जी के विचार और उनकी कविताएं हर उम्र के लोगों के दिलों में गूंजती रहीं।
साहित्य, संस्कृति और राष्ट्रप्रेम का संगम
नवादा में आयोजित यह कवि संगोष्ठी अटल बिहारी वाजपेयी जी के जीवन और उनके योगदान को याद करने का एक भव्य और प्रभावी माध्यम साबित हुई। इस कार्यक्रम ने न केवल साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि कैसे अटल जी की कविताएं और विचार आज भी हर भारतीय के दिल में प्रेरणा का स्रोत बनी हुई हैं।
आने वाले समय में, ऐसे आयोजन न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करेंगे, बल्कि युवाओं को उनके विचारों से जोड़ने में भी मदद करेंगे। यह कार्यक्रम साहित्य और समाज के बीच एक मजबूत पुल साबित हुआ।
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