Jamshedpur News: अचानक निरीक्षण में बड़ा खुलासा, ऑब्जर्वेशन होम में मिली अव्यवस्था, सुधार के दिए सख्त निर्देश

जमशेदपुर के धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा ऑब्जर्वेशन होम और बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण किया गया। जप्त किए गए अवैध सामान पर नाराजगी जताई गई और सुधार की सख्त हिदायतें दी गईं।

Dec 26, 2024 - 13:19
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Jamshedpur News: अचानक निरीक्षण में बड़ा खुलासा, ऑब्जर्वेशन होम में मिली अव्यवस्था, सुधार के दिए सख्त निर्देश
Jamshedpur News: अचानक निरीक्षण में बड़ा खुलासा, ऑब्जर्वेशन होम में मिली अव्यवस्था, सुधार के दिए सख्त निर्देश

जमशेदपुर, 26 दिसंबर: झारखंड के जमशेदपुर जिले में धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी ने ऑब्जर्वेशन होम और बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण किया, जिसमें कई गंभीर समस्याएं सामने आईं। इस निरीक्षण के दौरान ऑब्जर्वेशन होम से बीड़ी, गांजा, रस्सी, मोबाइल जैसे अवैध सामान जप्त किए गए, जिस पर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने नाराजगी जताई और प्रबंधन को सुधार के लिए कड़े निर्देश दिए।

ऑब्जर्वेशन होम में क्या हुआ था खुलासा?

धालभूम अनुमंडल के अंतर्गत आने वाले ऑब्जर्वेशन होम का निरीक्षण करने पर सामने आया कि यहां गार्ड द्वारा बगैर पूछताछ के लोगों को प्रवेश दिया जा रहा था। साथ ही, परिसर में साफ-सफाई की भी भारी कमी पाई गई।

जब अनुमंडल पदाधिकारी ने परिसर की जांच की, तो बीड़ी, गांजा, रस्सी, और मोबाइल जैसे सामान मिले, जिन्हें तत्काल जप्त कर लिया गया। इन सामग्रियों को जप्त करते हुए, उन्होंने ऑब्जर्वेशन होम के प्रबंधन से सख्त निर्देश दिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर निगरानी व्यवस्था बनाई जाए।

उनकी यह भी हिदायत थी कि किसी को भी इंट्री गेट के बिना परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जाए और परिसर की नियमित सफाई को सुनिश्चित किया जाए। निरीक्षण के दौरान, शिक्षकों से भी यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि उपलब्ध संसाधनों का बेहतर रखरखाव किया जाए।

बाल सुधार गृह में पाए गए बेहतर संसाधन, बच्चों को दी प्रेरणा

इस औचक निरीक्षण में बाल सुधार गृह में बेहतर व्यवस्था पाई गई, जिसमें बच्चों को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिए कई उपाय किए गए थे। अनुमंडल पदाधिकारी ने बच्चों के रूम, किचन, और अन्य क्षेत्रों का भी मुआयना किया और पाया कि यहां उपस्थिति रजिस्टर और स्टॉक अपडेट हैं।

इसी दौरान, बच्चों से संवाद करते हुए, उन्होंने उन्हें अपने जीवन में ऊर्जा का सही उपयोग करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। बाल सुधार गृह के प्रबंधन को निर्देश दिया गया कि प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रेरणादायक डॉक्यूमेंट्री, फिल्में और जानकारीपूर्ण वीडियो दिखाई जाएं, ताकि उनका मानसिक विकास हो सके और उनके मन मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।

सुधार की प्रक्रिया: क्या कदम उठाए जाएंगे?

इस औचक निरीक्षण के बाद, अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रशासनिक अधिकारियों से इस बात की जांच करने के लिए कहा कि ऑब्जर्वेशन होम के प्रबंधन में सुधार कैसे किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की कमी के चलते कई कार्यों में रुकावटें आई हैं, और इस समस्या का समाधान शीघ्र किया जाएगा।

वहीं, जप्त किए गए अवैध सामान को नष्ट करने का आदेश भी दिया गया है। इसके अलावा, बाल सुधार गृह में बच्चों के समुचित निगरानी के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं देने के भी निर्देश दिए गए।

इतिहास और सुधार की दिशा में कदम

यह पहली बार नहीं है जब किसी बाल सुधार गृह और ऑब्जर्वेशन होम की अव्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं। झारखंड में बाल सुधार गृहों में व्यवस्था की कमी और अवैध गतिविधियों के मामले समय-समय पर सामने आते रहे हैं। राज्य सरकार ने बालकों के सुधार और संरक्षण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन उन योजनाओं की प्रभावी कार्यान्वयन में कई चुनौतियां आई हैं।

क्या उम्मीदें हैं भविष्य से?

इन कदमों के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य के बाल सुधार गृहों में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, ऑब्जर्वेशन होम की कार्यशैली में सुधार लाने की दिशा में प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि आगामी समय में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे, ताकि बच्चों के लिए एक सुरक्षित और सुधारात्मक वातावरण सुनिश्चित किया जा सके।

प्रशासन की सतर्कता और सुधार की उम्मीद

यह निरीक्षण झारखंड के प्रशासन की सतर्कता को उजागर करता है और इस बात को साबित करता है कि अब बाल सुधार गृहों और ऑब्जर्वेशन होम की कार्यशैली में सुधार लाने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। बच्चों की सुरक्षा और सुधार के लिए प्रशासन का यह कदम सकारात्मक दिशा में एक अहम कदम हो सकता है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।