Nawada: Workshop पर चर्चा, सहकार से समृद्धि की दिशा में बड़ा कदम
नवादा में सुशासन दिवस पर "सहकार से समृद्धि" कार्यशाला का आयोजन हुआ। पैक्स अध्यक्षों और सब्जी समिति के सदस्यों ने सहकारिता योजनाओं पर चर्चा की। जानें, कैसे यह पहल विकास का नया अध्याय लिख रही है।
नवादा, 26 दिसंबर 2024: सुशासन दिवस के अवसर पर, नवादा में सहकारिता की शक्ति को बढ़ावा देने और स्थानीय विकास को नई दिशा देने के लिए "सहकार से समृद्धि" विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला पदाधिकारी श्री रवि प्रकाश के निर्देशन और जिला सहकारिता विभाग के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला ने सहकारिता से जुड़े प्रमुख मुद्दों और योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।कार्यशाला का उद्देश्य और विषय
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाना और उनके सतत विकास के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा करना था।
- जिले के सभी प्रखंडों से पैक्स (PACS) अध्यक्षों और सब्जी समिति के सदस्यों ने इसमें भाग लिया।
- सहकारिता आंदोलन को गांव-गांव तक पहुंचाने और कृषि क्षेत्र में इसके प्रभाव को मजबूत करने के लिए सहकार से समृद्धि विषय पर गहन विमर्श हुआ।
इतिहास और सहकारिता का महत्व
भारत में सहकारिता आंदोलन की शुरुआत 1904 में सहकारी सोसायटी एक्ट के तहत हुई।
- इसकी नींव गांवों में किसानों को कर्ज के चंगुल से बाहर निकालने और सामूहिक प्रयास से उनकी मदद करने के लिए रखी गई थी।
- आज सहकारिता न केवल ग्रामीण विकास का आधार है, बल्कि इसे राष्ट्रीय समृद्धि की दिशा में एक अहम कदम माना जाता है।
नवादा में आयोजित यह कार्यशाला सहकारिता की इस परंपरा को नए आयाम देने का प्रयास है।विशेष वक्ताओं का योगदान
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री संतोष कुमार और सहायक निबंधक श्री दीपक कुमार ने सहकारिता की विभिन्न योजनाओं और उनके लाभों पर प्रकाश डाला।
- पैक्स कंप्यूटरीकरण और प्रधानमंत्री कृषि समृद्धि केंद्र जैसे प्रगतिशील कार्यक्रमों की चर्चा हुई।
- वक्ताओं ने सहकारिता के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे ये योजनाएं गांव और पंचायत स्तर पर विकास को गति प्रदान कर सकती हैं
सहकारिता योजनाओं की जानकारी
कार्यशाला में सहकारिता विभाग द्वारा संचालित निम्नलिखित योजनाओं पर चर्चा की गई:
- पैक्स कंप्यूटरीकरण: डिजिटल युग में सहकारी संस्थाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना।
- सीएससी (CSC) सेंटर: ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ाना।
- प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र: सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की उपलब्धता।
- गोडाउन निर्माण योजना: भंडारण सुविधाओं को बेहतर बनाना।
इन योजनाओं के माध्यम से सहकारिता संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि क्षेत्र में सुधार लाने पर जोर दिया गया।
कार्यशाला का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का संचालन सहकारिता प्रसार पदाधिकारी श्री विद्यानंद जी ने किया, जिन्होंने सहकारिता के महत्व और इसके भविष्य के संभावित लाभों पर चर्चा की।
कार्यक्रम का समापन सहकारिता प्रसार पदाधिकारी श्री पवन जी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।सहकार से समृद्धि की ओर कदम
नवादा में आयोजित इस कार्यशाला ने यह साबित कर दिया कि सहकारिता न केवल सामूहिक विकास का साधन है, बल्कि यह आर्थिक सशक्तिकरण का मजबूत आधार भी है।
- पैक्स अध्यक्षों और सब्जी समिति के सदस्यों ने अपने अनुभव साझा करते हुए सहकारी आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया।
- यह पहल गांवों में सहकारी संस्थाओं को मजबूत करने और विकास की दिशा में ठोस कदम उठाने का प्रेरणास्त्रोत बनेगी
"सहकार से समृद्धि" कार्यशाला ने नवादा के विकास में सहकारिता के महत्व को रेखांकित करते हुए सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की नई उम्मीदें जगाई हैं।
सहकारिता की इस परंपरा को सशक्त बनाकर हम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम बढ़ा सकते हैं।
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