Manoharpur Action: घेराबंदी सफल, खेतों में दौड़ाकर पकड़े गए दो संदिग्ध, भाकपा माओवादी के पर्चे और मोबाइल बरामद
पश्चिम सिंहभूम के मनोहरपुर में रामधानी चौक के पास पुलिस ने गश्त के दौरान खेतों की ओर भाग रहे दो संदिग्ध माओवादी सहयोगियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया है। दुर्जन जाते और विमल नाग के पास से मिले भाकपा (माओवादी) के विवादित पर्चों और उनके गुप्त मोबाइल नेटवर्क की पूरी सनसनीखेज हकीकत यहाँ दी गई है वरना आप भी सारंडा की पहाड़ियों में रची जा रही इस नई साजिश से अनजान रह जाएंगे।
मनोहरपुर (पश्चिम सिंहभूम), 24 दिसंबर 2025 – झारखंड के 'रेड कॉरिडोर' कहे जाने वाले सारंडा के मुहाने पर बसे मनोहरपुर में पुलिस ने एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। 23 दिसंबर की शाम जब पूरी दुनिया क्रिसमस की तैयारियों में जुटी थी, तब मनोहरपुर पुलिस की सशस्त्र टीम ने रामधानी चौक और नंदपुर के जंगलों के करीब एक साहसिक ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस ने खेतों में पीछा करके दो ऐसे संदिग्धों को दबोचा है जिनका संबंध प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) संगठन से बताया जा रहा है। इनके पास से संगठन के प्रचार प्रसार वाले पर्चे और गुप्त संचार के लिए इस्तेमाल होने वाला मोबाइल फोन बरामद हुआ है।
इतिहास: मनोहरपुर और सारंडा का खूनी संघर्ष
ऐतिहासिक रूप से पश्चिम सिंहभूम का मनोहरपुर थाना क्षेत्र माओवादी गतिविधियों का केंद्र रहा है। 1990 के दशक से ही यह इलाका एशिया के सबसे बड़े साल (Sal) वन 'सारंडा' का प्रवेश द्वार होने के कारण उग्रवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना रहा। 2010-2012 के दौरान यहाँ सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच कई भीषण मुठभेड़ें हुईं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उग्रवादी संगठन अक्सर स्थानीय युवाओं को 'पर्चा बांटने' या 'सूचना तंत्र' (Sleeper Cell) के रूप में इस्तेमाल करते हैं। हाल के वर्षों में पुलिस की मुस्तैदी के कारण उग्रवाद बैकफुट पर था, लेकिन दुर्जन जाते और विमल नाग की गिरफ्तारी ने संकेत दिया है कि संगठन फिर से पैर पसारने की कोशिश में है।
खेतों में दौड़ और 'रामधानी चौक' पर घेराबंदी
घटना 23 दिसंबर की है जब पुलिस का सशस्त्र बल नियमित गश्त पर था।
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गुप्त सूचना: पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम नंदपुर और सुरिन टोला के पास दो अनजान युवक संदिग्ध परिस्थितियों में मंडरा रहे हैं।
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पीछा और पकड़: जैसे ही पुलिस की गाड़ी वहां पहुँची, दोनों युवक वर्दी देखकर खेतों की ओर भागने लगे। लेकिन तैयार जवानों ने चारों तरफ से घेराबंदी की और उन्हें धर दबोचा।
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बरामदगी: तलाशी के दौरान दुर्जन जाते (29 वर्ष) के पास से भाकपा (माओवादी) संगठन के पर्चे मिले, जबकि विमल नाग (22 वर्ष) के पास से एक काला कीपैड मोबाइल बरामद हुआ, जिसका इस्तेमाल संदिग्ध नंबरों पर बात करने के लिए किया जा रहा था।
कौन हैं ये संदिग्ध? पुलिस कर रही है कुंडली की जांच
पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपनी पहचान उजागर की है।
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दुर्जन जाते उर्फ दुर्गा जाते (29 वर्ष): यह मनोहरपुर का ही रहने वाला है और संगठन के लिए जमीनी स्तर पर काम करने का संदेह है।
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विमल नाग (22 वर्ष): यह गोइलकेरा क्षेत्र का रहने वाला है। गोइलकेरा हमेशा से उग्रवाद प्रभावित रहा है, ऐसे में विमल का यहाँ होना किसी बड़ी मीटिंग या वारदात की ओर इशारा करता है।
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मोबाइल का राज: बरामद कीपैड मोबाइल के कॉल रिकॉर्ड्स खंगाले जा रहे हैं। पुलिस को शक है कि ये लोग सारंडा के घने जंगलों में छिपे बड़े उग्रवादी नेताओं को रसद या सूचना पहुँचाने का काम कर रहे थे।
पुलिस ऑपरेशन का संक्षिप्त विवरण (Quick Snapshot)
| विवरण | जानकारी |
| नाम (अभियुक्त 1) | दुर्जन जाते उर्फ दुर्गा (29 वर्ष, मनोहरपुर) |
| नाम (अभियुक्त 2) | विमल नाग (22 वर्ष, गोइलकेरा) |
| बरामद सामग्री | माओवादी पर्चे और 01 कीपैड मोबाइल |
| गिरफ्तारी स्थल | नंदपुर, सुरिन टोला (मनोहरपुर) |
| वर्तमान स्थिति | न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया जारी |
सुरक्षा बलों का अलर्ट: क्रिसमस और नए साल पर कड़ी नजर
उग्रवादी संगठनों के पर्चे मिलना इस बात का संकेत है कि वे क्षेत्र में अपना प्रभाव फिर से दिखाने के लिए किसी 'बन्द' या विरोध की तैयारी कर रहे थे। मनोहरपुर पुलिस ने इस गिरफ्तारी के बाद क्षेत्र के सभी संवेनदशील रास्तों पर चेकिंग बढ़ा दी है। सारंडा की पहाड़ियों से सटे थानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है ताकि त्योहारों के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो।
उग्रवाद पर पुलिस का प्रहार
दुर्जन और विमल की गिरफ्तारी मनोहरपुर पुलिस की सतर्कता का परिणाम है। सारंडा के इन शांत गांवों में उग्रवाद के पर्चे मिलना एक खतरे की घंटी है, जिसे पुलिस ने समय रहते पहचान लिया। फिलहाल दोनों को जेल भेजने की तैयारी चल रही है और पुलिस अब इनके 'आकाओं' तक पहुँचने की कोशिश में है।
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