Sakchi Fire: भीषण लपटें, हाथी-घोड़ा मंदिर के पास धूं-धूं कर जली कार, गैरेज में मची तबाही, शॉर्ट सर्किट ने मचाया तांडव
जमशेदपुर के सबसे व्यस्त साकची क्षेत्र स्थित हाथी-घोड़ा मंदिर के पास एक गैरेज में अचानक लगी भीषण आग ने एक कार सहित पूरे दुकान को जलाकर खाक कर दिया है। आग की ऊंची लपटों और मची अफरा-तफरी के बीच दमकल विभाग की मशक्कत और इस अग्निकांड के पीछे की असली वजह की पूरी हकीकत यहाँ दी गई है वरना आप भी इस बड़े हादसे के मंजर से अनजान रह जाएंगे।
जमशेदपुर, 24 दिसंबर 2025 – लौहनगरी जमशेदपुर के दिल कहे जाने वाले साकची थाना क्षेत्र में बुधवार को उस समय दहशत फैल गई, जब प्रसिद्ध हाथी-घोड़ा मंदिर के ठीक पास स्थित एक गैरेज में भीषण आग लग गई। दोपहर के वक्त अचानक उठी आग की लपटों ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया, जिससे पूरे इलाके में काले धुएं का गुबार छा गया। इस भीषण अग्निकांड में गैरेज के अंदर खड़ी एक कार धूं-धूं कर जलने लगी, जिसके बाद आसपास के दुकानदारों और राहगीरों में भगदड़ मच गई। गनीमत रही कि दमकल की टीम ने समय रहते मोर्चा संभाल लिया, वरना यह आग घनी आबादी वाले अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को भी अपनी चपेट में ले सकती थी।
इतिहास: साकची का 'हाथी-घोड़ा मंदिर' और व्यावसायिक दबाव
ऐतिहासिक रूप से साकची जमशेदपुर का सबसे पुराना और प्रमुख व्यावसायिक केंद्र रहा है। यहाँ स्थित हाथी-घोड़ा मंदिर (ठाकुर बाड़ी) की मान्यता दशकों पुरानी है, जहाँ रोजाना हजारों श्रद्धालु मत्था टेकने पहुँचते हैं। 1920 के दशक में जब टाटा स्टील के विकास के साथ साकची बाजार का विस्तार हुआ, तो मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में छोटे-छोटे गैरेज और दुकानें तेजी से खुलीं। संकरी गलियों और बिजली के तारों के पुराने जाल के कारण यह इलाका हमेशा से 'फायर प्रोन' (आग के प्रति संवेदनशील) रहा है। जानकारों के अनुसार, 2010 के बाद से इस क्षेत्र में बिजली की खपत बढ़ने से शॉर्ट सर्किट की घटनाओं में 40\% का इजाफा हुआ है, जो आज के इस हादसे का भी संभावित कारण माना जा रहा है।
आग का तांडव: कार बनी लोहे का ढांचा
घटना की शुरुआत दोपहर के वक्त हुई जब गैरेज से अचानक धुआं निकलने लगा।
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विस्फोट जैसी आवाज: प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही आग गैरेज में खड़ी कार के पेट्रोल टैंक के करीब पहुँची, तेज लपटें उठने लगीं। देखते ही देखते चमचमाती कार लोहे के कंकाल में तब्दील हो गई।
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अफरा-तफरी का माहौल: मंदिर के पास भीड़ अधिक होने के कारण लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। स्थानीय लोगों ने शुरुआती स्तर पर बाल्टियों से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन लपटें बेकाबू थीं।
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दमकल की मशक्कत: सूचना मिलते ही झारखंड अग्निशमन विभाग की एक गाड़ी मौके पर पहुँची। संकरी गली होने के बावजूद दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया और इसे बगल की दुकानों में फैलने से रोका।
शॉर्ट सर्किट या लापरवाही? पुलिस की जांच शुरू
साकची थाना पुलिस मौके पर पहुँच चुकी है और नुकसान का जायजा ले रही है।
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प्राथमिक कारण: शुरुआती जांच में बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट को ही आग लगने की मुख्य वजह माना जा रहा है।
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आधिकारिक पुष्टि: पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या गैरेज में अग्निशमन के मानक (Fire Safety Norms) मौजूद थे या नहीं।
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संपत्ति का नुकसान: गैरेज मालिक के अनुसार, इस अग्निकांड में लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। कार के अलावा मशीनें और अन्य कीमती कलपुर्जे भी जलकर राख हो गए हैं।
अग्निकांड का संक्षिप्त विवरण (Quick Snapshot)
| विवरण | जानकारी |
| स्थान | हाथी-घोड़ा मंदिर के पास, साकची |
| प्रभावित संपत्ति | गैरेज और एक कार |
| संभावित कारण | बिजली का शॉर्ट सर्किट |
| दमकल की कार्रवाई | 01 दमकल वाहन द्वारा काबू |
| हताहत | कोई जनहानि नहीं, संपत्ति का भारी नुकसान |
सुरक्षा पर सवाल: व्यस्त इलाकों में सुरक्षा भगवान भरोसे
हाथी-घोड़ा मंदिर के पास हुई इस घटना ने साकची के व्यावसायिक क्षेत्रों में सुरक्षा प्रबंधों की पोल खोल दी है। मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर भी अब चिंता जताई जा रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर यह आग रात के वक्त लगी होती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। पुलिस अब इलाके के अन्य गैरेज संचालकों को भी बिजली फिटिंग दुरुस्त रखने की चेतावनी दे रही है।
राख में तब्दील हुआ रोजगार
हाथी-घोड़ा मंदिर के पास हुई यह अगलगी एक बड़ी चेतावनी है। गैरेज और कार का जलना महज एक आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि एक परिवार के रोजगार का अंत भी है। फिलहाल आग पूरी तरह बुझ चुकी है और पुलिस जांच जारी है, लेकिन शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में 'फायर सेफ्टी' को लेकर अब सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
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