Lucknow Viral: बिजली कर्मियों की मनमानी का खुलासा, किसान को फंसाने की साजिश पर मचा हंगामा
Lucknow Viral Video: बिजली विभाग की शर्मनाक साजिश का खुलासा, कर्मचारियों ने किसान को बिजली चोरी में फंसाने की चाल चली। ग्रामीणों के विरोध और वायरल वीडियो ने मचाया हंगामा।
लखनऊ: राजधानी में बिजली विभाग की एक शर्मनाक हरकत का खुलासा हुआ है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। माल थाना क्षेत्र के वीरपुर-रायपुर गांव में बिजली कर्मियों ने किसान को फर्जी तरीके से बिजली चोरी में फंसाने की साजिश रची। इस साजिश का पर्दाफाश तब हुआ, जब किसी ग्रामीण ने उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस घटना ने न केवल ग्रामीणों को आक्रोशित किया, बल्कि विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे हुआ साजिश का पर्दाफाश?
घटना उस समय की है जब किसान विनोद कुमार यादव खेत में काम कर रहे थे। इसी बीच बिजली विभाग के कर्मचारी उनके खेत में पहुंचे और ट्यूबवेल चलाने के लिए उपयोग हो रहे अल्टरनेटर से खंभे पर कटिया डाल दी। यह सब बड़ी चालाकी से किया जा रहा था, लेकिन विनोद की नजर उन पर पड़ गई। विनोद ने तुरंत यह हरकत अपने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर ली।
बात यहीं नहीं रुकी। जब विनोद ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो कर्मियों ने कहा कि वह इस बारे में पावर हाउस में बात करें। यह सुनकर गुस्साए विनोद ने दो बिजली कर्मियों को मौके पर ही बंधक बना लिया। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया।
ग्रामीणों में आक्रोश और हंगामा
वीडियो वायरल होते ही गांव के अन्य लोग भी मौके पर जमा हो गए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग के कर्मचारी किसानों को फर्जी तरीके से फंसाकर उनसे अवैध वसूली करने की कोशिश करते हैं। मामला बिगड़ने पर जेई आशीष श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंचकर माफी मांगी और दोनों कर्मचारियों को छुड़ाया।
बिजली विभाग पर सवालिया निशान
यह पहली बार नहीं है जब बिजली विभाग पर इस तरह के आरोप लगे हैं। कुछ समय पहले विभाग ने यह आदेश जारी किया था कि 5 किलोवाट तक की बिजली चोरी पर पहले नोटिस दी जाएगी और मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, किसानों को डराने और फर्जी मुकदमे दर्ज कराने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
इतिहास में बिजली चोरी के मामले
बिजली चोरी भारत में कोई नई समस्या नहीं है। पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सुर्खियों में आई हैं, जहां विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से इस तरह की साजिशें रची गईं। ब्रिटिश शासन के दौरान भी बिजली चोरी के मामलों पर कड़ी सजा दी जाती थी, लेकिन आज हालात उलट हैं। अब विभाग के कर्मचारी ही किसानों को फंसाने का काम कर रहे हैं।
वीडियो के बाद प्रशासन का एक्शन
वीडियो वायरल होने के बाद माल उपकेंद्र के एसडीओ डीके प्रजापति ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि जेई को जिम्मेदारी सौंपी गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग की इस मनमानी को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। वे चाहते हैं कि दोषियों को सजा दी जाए और किसानों के साथ न्याय हो।
यह घटना न केवल बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे भ्रष्टाचार की जड़ें आम लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही हैं। अगर इस तरह की घटनाओं पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो यह समस्या और गहराएगी।
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