Latehar Encounter Success: जंगल में छिपे 'मौत के सौदागर' का खौफनाक अंत!

लातेहार पुलिस ने जंगल में मुठभेड़ के दौरान 5 लाख के इनामी नक्सली मनीष यादव को मार गिराया। 10 लाख के इनामी कुंदन खेरवार की गिरफ्तारी से इलाके में हलचल तेज। जानिए पूरी कहानी।

May 26, 2025 - 16:17
Aug 13, 2025 - 13:54
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Latehar Encounter Success: जंगल में छिपे 'मौत के सौदागर' का खौफनाक अंत!
Latehar Encounter Success: जंगल में छिपे 'मौत के सौदागर' का खौफनाक अंत!

लातेहार के घने जंगलों में रविवार की रात से सोमवार सुबह तक एक मुठभेड़ ने पूरे झारखंड को झकझोर कर रख दिया। पुलिस और सुरक्षाबलों ने जिस नक्सली का पीछा करते-करते पसीने बहा दिए थे, उसे आखिरकार मौत की नींद सुला दिया गया।

झारखंड के लातेहार जिले में पुलिस ने 5 लाख रुपये के इनामी नक्सली मनीष यादव को मार गिराया। ये मुठभेड़ महुआडांड़ थाना क्षेत्र के दौना और करमखाड़ के बीच के जंगलों में हुई, जो लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ माना जाता रहा है।

नक्सलियों का गढ़ और पुलिस की पैनी नजर

झारखंड का लातेहार ज़िला लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाकों में गिना जाता है। 2000 के दशक की शुरुआत से ही इस इलाके में माओवादी संगठनों का दबदबा रहा है। खासकर महुआडांड़, बालूमाथ और गारू जैसे जंगलों में नक्सली गतिविधियाँ हमेशा से सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बनी रही हैं।

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली कमांडर मनीष यादव अपने दस्ते के साथ महुआडांड़ थाना क्षेत्र के दौना और करमखाड़ के बीच के जंगलों में सक्रिय है। इस जानकारी पर तुरंत एक विशेष ऑपरेशन टीम गठित की गई और नक्सलियों की घेराबंदी की गई।

जंगल में घंटों चली गोलीबारी

सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को चारों तरफ से घेर लिया, जिसके बाद देर रात मुठभेड़ शुरू हुई। जंगल की खामोशी को गोलियों की गूंज ने चीर दिया। घंटों चली इस मुठभेड़ के दौरान कमांडर मनीष यादव ढेर हो गया, जो झारखंड पुलिस की वांछित सूची में शीर्ष पर था।

एक और बड़ी सफलता: कुंदन खेरवार गिरफ्तार

मुठभेड़ के दौरान ही पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी। 10 लाख रुपये का इनामी नक्सली कुंदन खेरवार भी मौके से गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी न केवल सुरक्षाबलों के लिए बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह नक्सल संगठन के अंदर बड़ी दरार का संकेत भी देती है।

बरामद हुई अत्याधुनिक हथियार

मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने दो एक्स.95 ऑटोमेटिक राइफल बरामद की हैं। ये वही हथियार हैं जो आमतौर पर स्पेशल फोर्सेस इस्तेमाल करती हैं, जिससे साफ है कि नक्सली संगठन अब भी अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं और इनकी पकड़ अब भी मजबूत है।

मनीष यादव कौन था?

मनीष यादव, लातेहार क्षेत्र का सक्रिय नक्सली था और माओवादी संगठन में उसका अहम स्थान था। उस पर हत्या, फिरौती, पुलिस पर हमले जैसे दर्जनों संगीन मामले दर्ज थे। उसके खिलाफ राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

अब क्या?

डीआईजी वाईएस रमेश ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि इलाके में सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है। पुलिस को आशंका है कि मनीष यादव के दस्ता के अन्य सदस्य जंगल में छिपे हो सकते हैं।

इस ऑपरेशन को झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। नक्सल विरोधी अभियानों में यह मुठभेड़ आने वाले समय में अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में भी पुलिस के हौसले को मजबूत करेगी।

पुलिस और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से एक बार फिर यह साबित हो गया कि अपराध चाहे जितना भी बड़ा क्यों न हो, कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।