Jharkhand Teacher Appointment: शिक्षकों की नियुक्ति और स्थानांतरण नियमावली में बदलाव से होगी बड़ी राहत!
झारखंड सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति और स्थानांतरण नियमावली में बदलाव का फैसला लिया है। जानिए यह बदलाव कैसे शिक्षकों के लिए राहत और नए अवसर लाएंगे।
Jharkhand Teacher Appointment में होने वाले बदलाव से राज्य के लाखों शिक्षकों के लिए राहत की उम्मीद जगी है। राज्य सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति और स्थानांतरण के नियमों को सुधारने का बड़ा फैसला लिया है। इन बदलावों के तहत उन समस्याओं को हल करने की कोशिश की जा रही है, जिनकी वजह से नियुक्ति और स्थानांतरण प्रक्रिया में रुकावटें आ रही थीं। अब ये नियमावली संशोधित होने के बाद शिक्षकों की नियुक्ति और स्थानांतरण प्रक्रिया को नया दिशा मिल सकेगा।
नियुक्ति और स्थानांतरण में बदलाव की आवश्यकता
राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में लंबे समय से परेशानियों का सामना किया जा रहा था। नियुक्ति के लिए लाखों उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, लेकिन प्रक्रिया में जटिलताएं सामने आ रही थीं। इस पर अब सरकार ने कार्रवाई करते हुए नियमों में बदलाव करने का निर्णय लिया है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए अलग-अलग कमेटियों का गठन भी किया जा रहा है।
सहायक आचार्यों की नियुक्ति में नया मोड़
झारखंड में 26,001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है, जिसकी परीक्षाएं भी हो चुकी हैं। हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है। लेकिन अब इस मामले में भी नियमावली में बदलाव किया जाएगा। क्वालिफाइंग अंक को चुनौती दी गई थी और अगर इसमें बदलाव किया जाता है, तो फिर से नियमावली को संशोधित किया जाएगा। इसके बाद, 23,999 पदों पर बहाली की प्रक्रिया भी शुरू होगी।
हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति
राज्य सरकार इस साल हाई स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। इसके लिए रिक्तियों को जुटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए यह एक बड़ा कदम होगा, जिससे उच्च विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर मिल सकेंगे।
स्थानांतरण नियमावली में बदलाव
शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण के लिए भी नए नियम लाए जा रहे हैं। पुराने नियम में असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षक को अंतर जिला स्थानांतरण का लाभ मिलता था, लेकिन अब इसे और भी व्यापक बनाया जा रहा है। अब असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षक के परिवार के सदस्य, जैसे पति/पत्नी, बच्चे, और माता-पिता को भी इस लाभ का अधिकार मिलेगा। इससे उन शिक्षकों को राहत मिलेगी जिनके परिवार में कोई गंभीर बीमारी से ग्रस्त है।
महिला शिक्षकों के लिए भी बदलाव
महिला शिक्षकों के स्थानांतरण में भी प्राथमिकताओं में बदलाव किया जाएगा। इसके तहत महिला शिक्षकों के लिए विशेष राहत देने के प्रयास किए जाएंगे, ताकि उन्हें अपने परिवार के स्वास्थ्य और अन्य ज़रूरतों के आधार पर स्थानांतरण मिल सके।
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में भी बदलाव
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा के नियमों में भी बदलाव किए जा रहे हैं। पहले राज्य सरकार ने हर विषय में 40 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया था, लेकिन अब इसे पूर्व की तरह किया जाएगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 52 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा, जबकि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए यह प्रतिशत 60 प्रतिशत रहेगा।
2013 और 2016 में हुई परीक्षा के बाद अब नया निर्णय
झारखंड में 2013 और 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। इसके बाद, 2024 में शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन तो लिए गए, लेकिन परीक्षा नहीं हो पाई। अब यह देखा जाएगा कि ये बदलाव शिक्षक पात्रता परीक्षा की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और योग्य बना पाएंगे या नहीं।
नई नियुक्ति प्रक्रिया और स्थानांतरण से क्या बदलाव आएंगे?
इन बदलावों के बाद, झारखंड में शिक्षकों के लिए एक नया रास्ता खुल जाएगा। नियुक्ति प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होगी, और शिक्षकों को उनके अधिकार मिलेंगे। स्थानांतरण प्रक्रिया में भी बदलाव से शिक्षकों को अपने परिवार की ज़रूरतों के अनुसार स्थानांतरण का लाभ मिलेगा। इन बदलावों से शिक्षा तंत्र में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा, और इससे राज्य के छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने की उम्मीद है।
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