Jharkhand Salary Freeze : झारखंड के 17 अफसरों का वेतन रोका गया! जल जीवन मिशन में लापरवाही की बड़ी सजा
झारखंड के गिरिडीह जिले के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के 17 अधिकारियों का वेतन रोकने की घटना में बड़ा विवाद सामने आया है। जानिए इसके पीछे का कारण और अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई।
झारखंड में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा गिरिडीह जिले के 17 अधिकारियों का वेतन रोकने की खबर ने सभी को चौंका दिया है। क्या कारण था इस कठोर कार्रवाई का? दरअसल, जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों में अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह कदम उठाया गया है।
क्या था आरोप?
मुख्य रूप से गिरिडीह जिले के दो प्रमंडलों—गिरिडीह-वन और गिरिडीह-टू में जल जीवन मिशन के कार्यों में नाकामी, आंकड़ों का सही विश्लेषण न करना और आइएमआइएस डेटा का समय पर अपलोड न करना अधिकारियों के खिलाफ प्रमुख आरोप थे।
क्यों हुआ यह फैसला?
गिरिडीह जिले में पेयजल और स्वच्छता के लिए राज्य सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत विशेष पहल की थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह मिशन समय पर पूरा नहीं हो सका।
???? प्रधान सचिव मस्तराम मीणा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुई समीक्षा में पाया गया कि अधिकारियों ने आइएमआइएस डैशबोर्ड में समय पर जानकारी नहीं दी और आंकड़ों का मिलान करने में भी गलती की।
वेतन रोकने का निर्णय
मुख्यमंत्री के निर्देश पर, विशेष सचिव राजीव रंजन कुमार द्वारा अधिकारियों के वेतन को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया गया।
कौन थे वे 17 अधिकारी जिनका वेतन रोक गया?
- गिरिडीह-वन के सहायक अभियंता: मनीष कुमार, शिवाशीष दास
- गिरिडीह-टू के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर: विवेक कुमार शर्मा, मोहनलाल मंडल
- कनीय अभियंता: राज आनंद, बबलू हांसदा, दीपक कुमार
इन अधिकारियों पर आरोप था कि वे अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नहीं कर रहे थे और कृषि व जल जीवन के योजनाओं की प्रगति में रुचि नहीं ले रहे थे।
आगे की कार्रवाई और कार्ययोजना
उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने इस फैसले के बाद सभी संबंधित विभागों से एक कार्ययोजना की मांग की है।
???? 3 फरवरी तक कार्ययोजना की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
???? डेटा और भौतिक स्थिति का मिलान करने के लिए अधिकारियों को फिर से जरूरी कदम उठाने को कहा गया है।
क्या है जल जीवन मिशन का महत्व?
जल जीवन मिशन का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में सुरक्षित पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित करना है। इस मिशन के तहत हर घर पानी पहुंचाने की योजना बनाई गई है।
⚡ मिशन के तहत प्रत्येक लाभार्थी को पानी की नियमित आपूर्ति और स्वच्छता सुनिश्चित की जाती है।
वेतन रोकने से अधिकारियों में हलचल
गिरिडीह जिले के अधिकारियों में यह वेतन रोकने का निर्णय एक बड़ा झटका साबित हो रहा है। यह कार्रवाई यह संकेत देती है कि किसी भी सरकारी काम में लापरवाही नहीं चलेगी।
वेतन में कटौती से अधिकारियों पर भारी दबाव आ सकता है। क्या इससे जल जीवन मिशन में सुधार होगा? या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक कदम था?
इस घटना ने झारखंड सरकार के प्रयासों और योजनाओं में पारदर्शिता की ओर एक और कदम बढ़ाया है।
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