Chaibasa Fake Alcohol Factory : चक्रधरपुर में नकली अंग्रेजी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़, 52 पेटी शराब जब्त!
चक्रधरपुर में नकली अंग्रेजी शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़, 52 पेटी शराब और अन्य सामान जब्त। जानें, कैसे हुआ इस फैक्ट्री का पर्दाफाश और किन चीजों की हुई बरामदगी।
चाईबासा, झारखंड – चक्रधरपुर के रोबगा गांव में शुक्रवार को एक नकली अंग्रेजी शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ, जो इलाके में भारी हड़कंप मचा गया है। आबकारी विभाग और पुलिस ने मिलकर इस छापेमारी को अंजाम दिया, जिसमें 52 पेटी नकली शराब, प्लास्टिक की बोतलें, ढक्कन और स्टीकर सहित अन्य सामग्री बरामद की गई। इस दौरान एक युवक को गिरफ्तार किया गया, जबकि फैक्ट्री संचालक घटना के बाद फरार हो गया।
नकली शराब फैक्ट्री का भंडाफोड़ कैसे हुआ?
यह खुलासा गुप्त सूचना पर हुआ, जिसे सहायक आयुक्त अरविंद कुजूर के नेतृत्व में पुलिस ने कार्रवाई की। उन्हें सूचना मिली थी कि रोबगा गांव में एक घर में अवैध तरीके से नकली शराब बनाई जा रही है। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने पहाड़ी और जंगल के इलाके में स्थित मकान की तलाशी ली और वहां से नकली शराब और इसके निर्माण सामग्री बरामद की।
क्या-क्या बरामद हुआ?
इस छापेमारी में पुलिस ने 52 पेटी नकली शराब, 800 लीटर स्प्रिट, 5000 ढक्कन, 500 खाली प्लास्टिक की बोतलें, 1030 स्टीकर, और 8 पीस केमिकल कैरमल बरामद किए। इन सबका इस्तेमाल शराब बनाने में किया जा रहा था, जिसे ग्रामीण इलाकों में बेचने के लिए तैयार किया गया था।
आरोपी और गिरफ्तारियां
इस मामले में रामनाथ महतो नामक युवक को गिरफ्तार किया गया है, जो खरसावां थाना क्षेत्र के पदमपुर गांव का निवासी है। उसके द्वारा फैक्ट्री में काम किया जा रहा था। फैक्ट्री के संचालक ने पुलिस के आने से पहले ही मौका देख फरार हो गया। पुलिस अब उसकी गिरफ्तारी के लिए जुटी हुई है।
ग्रामों में सप्लाई की जाती थी नकली शराब
पुलिस के मुताबिक, इस नकली शराब की सप्लाई गांव-गांव के दुकानों में की जाती थी। मुर्गापाड़ा जैसे इलाके में नकली शराब का धंधा खूब चल रहा था। फैक्ट्री में प्लास्टिक की बोतलें, स्टीकर, और स्प्रिट के साथ तैयार की गई नकली शराब बाजार में बेची जा रही थी।
फैक्ट्री में क्या चल रहा था?
फैक्ट्री में "इंपीरियल गोल्ड", "ब्लैक गोल्ड", और "ब्लैक टाइगर" जैसे नामों वाले नकली शराब के स्टीकर लगाए गए थे। नकली शराब का कारोबार यहां बड़े पैमाने पर चल रहा था, और इस धंधे में लगे लोग सरकार की नजरों से बचकर यह काम कर रहे थे।
आगे की कार्रवाई और टीम का योगदान
इस छापेमारी में मुफ्फसिल थाना के पीसीआर, मंटू रजवार, रामचंद्र ठाकुर, धर्मा तिग्गा, और अन्य सहायक पुलिस अधिकारी शामिल थे। इन अधिकारियों की कड़ी मेहनत के बाद नकली शराब फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया और कई साक्ष्य जब्त किए गए।
क्या अब होगी इनकी गिरफ्तारी?
फैक्ट्री संचालक फरार हो चुका है, लेकिन पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पूरी टीम गठित कर दी है। माना जा रहा है कि उसकी गिरफ्तारी जल्द ही हो सकती है, और नकली शराब के इस बड़े रैकेट को भी खत्म किया जाएगा।
नकली शराब का धंधा हर जगह परेशानी का कारण बन रहा है। चाईबासा में हुई यह छापेमारी उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो गैरकानूनी धंधों में लिप्त हैं। क्या और भी ऐसे अवैध रैकेट छुपे हुए हैं? पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई से ही इसका पता चलेगा।
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