Jamshedpur Meeting: जमशेदपुर में जिला गुणवत्ता समिति की बैठक, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए अहम निर्देश
जमशेदपुर में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए जिला गुणवत्ता आश्वासन समिति की बैठक आयोजित! सरकारी अस्पतालों की समीक्षा और नई योजनाओं पर फैसले। जानिए पूरी खबर।

जमशेदपुर: जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए जिला गुणवत्ता आश्वासन समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार हुई, जिसमें उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने अध्यक्षता की। बैठक में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों के कायाकल्प, फायर ऑडिट, असफल बंध्याकरण मुआवजा और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा की गई।
असफल बंध्याकरण का मामला, मुआवजे पर हुआ फैसला
परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत तीन लाभुकों ने असफल बंध्याकरण के लिए मुआवजे का आवेदन किया था। जांच के बाद पाया गया कि सिर्फ एक मामला सही है और समिति ने उसके मुआवजे की सिफारिश की। यह मामला स्वास्थ्य योजनाओं की पारदर्शिता को दर्शाता है, लेकिन साथ ही यह भी सवाल खड़ा करता है कि क्या स्वास्थ्य सेवाएं वास्तव में भरोसेमंद हैं?
सरकारी अस्पतालों की गुणवत्ता पर सवाल, सुधार के निर्देश
बैठक में जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का मूल्यांकन किया गया। कुछ केंद्रों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके बाद वहां आवश्यक सुधार लाने के निर्देश दिए गए। यह समीक्षा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों (NQAS) के तहत की गई, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलें।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सुविधाओं की कमी! समाधान का सुझाव
डुमरिया प्रखंड स्थित बाड़ास्ती आयुष्मान आरोग्य मंदिर में प्रसूता महिलाओं के लिए प्रतीक्षालय तो बना दिया गया है, लेकिन उनके भोजन की कोई व्यवस्था नहीं है। बैठक में इस समस्या पर चर्चा हुई और सुझाव दिया गया कि आयुष्मान योजना से अर्जित राशि से इस व्यवस्था को पूरा किया जा सकता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिससे प्रसूता महिलाओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
स्वास्थ्य केंद्रों में फायर ऑडिट और ऑनलाइन प्रशिक्षण की योजना
बैठक में फायर स्टेशन ऑफिसर, गोलमुरी को निर्देश दिया गया कि सभी सरकारी संस्थानों में फायर ऑडिट और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाए। इसके अलावा, स्वास्थ्य संस्थानों के CTO एवं Authorization के ऑनलाइन आवेदन के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की गई।
सरकारी अस्पतालों में सुधार की कितनी जरूरत?
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही है। सरकारी अस्पतालों की हालत अक्सर चर्चा में रहती है, जहां मरीजों को उचित सुविधाएं नहीं मिल पातीं। कायाकल्प और गुणवत्ता सुधार के लिए हुई यह बैठक सरकार की गंभीरता को दर्शाती है, लेकिन सवाल यह है कि क्या इन फैसलों का असर धरातल पर दिखेगा?
आगे क्या होगा?
इस बैठक में जिला सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, ACMO और अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल थे। अब देखना होगा कि दिए गए निर्देशों पर कितनी जल्दी अमल किया जाता है और क्या सरकारी अस्पतालों की हालत वास्तव में सुधरेगी या नहीं?
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