Jharia Dogs Attack: उपरकुल्ही में कुत्तों के झुंड ने डेढ़ वर्षीय बच्ची को किया घायल, बढ़ती डॉग बाइट घटनाओं पर चिंता
झरिया के उपरकुल्ही में कुत्तों के झुंड ने डेढ़ वर्षीय बच्ची पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। बढ़ती डॉग बाइट घटनाओं और नगर निगम की निष्क्रियता पर उठे सवाल।

झरिया के उपरकुल्ही क्षेत्र में शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना घटी, जब कुत्तों के झुंड ने एक डेढ़ वर्षीय बच्ची को अपना शिकार बना लिया। बच्ची, जो अपने घर के बाहर खेल रही थी, अचानक कुत्तों के हमले का शिकार हो गई। स्थानीय लोग तुरंत हरकत में आए और कुत्तों के झुंड को भगाया, लेकिन तब तक बच्ची का चेहरा और सिर बुरी तरह से नोंच लिया गया था, और शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर घाव हो गए थे।
बच्ची के पिता, अजय राम ने बताया कि उनकी बेटी आराध्या शुक्रवार को अपने घर के बाहर खेल रही थी जब कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। घायलों को तुरंत एसएनएमएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है।
यह घटना झरिया शहर में कुत्तों द्वारा किए गए हमलों की एक और कड़ी है, जो हाल के दिनों में काफी बढ़ी हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि कुत्तों के झुंड लगातार बढ़ रहे हैं, और नगर निगम इस गंभीर समस्या पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रहा है।
डॉग बाइट के बढ़ते मामलों पर चिंता
झरिया में डॉग बाइट की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। कुछ दिनों पहले ही बैंकमोड़ में कुत्तों के झुंड ने एक बच्ची को नोचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इसके अलावा, जगजीवन नगर में एक कुत्ते ने पांच लोगों को काटकर घायल कर दिया था।
हीरापुर के प्रेम नगर, कोलाकुसमा और नयी दिल्ली कॉलोनी जैसे अन्य इलाकों में भी कुत्तों के हमले के मामले सामने आए हैं। इन हमलों के कारण स्थानीय लोग दहशत में हैं, और इनकी बढ़ती संख्या ने नगर निगम की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं।
क्या नगर निगम कार्रवाई करेगा?
झरिया में कुत्तों के हमलों के बावजूद नगर निगम की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। नगर निगम द्वारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण, शहरी इलाकों में उनके लिए उचित व्यवस्थाएँ, और कुत्तों के आक्रामक व्यवहार को रोकने के उपायों पर कोई स्पष्ट कार्यवाही नहीं की जा रही है। यह चिंता का विषय है कि शहर के लोग कब तक इन हमलों के शिकार होते रहेंगे।
समाचारों में अक्सर ये घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या नगर निगम अपनी जिम्मेदारी को समझेगा और इस समस्या का हल निकालेगा। जब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक लोगों का कुत्तों के हमलों से डर बना रहेगा।
कुत्तों के आतंक से बचने के उपाय
कुत्तों के हमलों से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। सबसे पहला कदम है, बच्चों को अकेले बाहर खेलने न छोड़ना। साथ ही, सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को न खिलाने और उन्हें अनियंत्रित छोड़ने से बचना चाहिए।
आशा की जाती है कि नगर निगम जल्द ही इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देगा और झरिया शहर में कुत्तों के बढ़ते हमलों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएगा।
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