Jharkhand Gang: अपहरण गैंग का भंडाफोड़, बंधक बने 2 लोग सुरक्षित छुड़ाए, नोट गिनने की मशीनें जब्त
रामगढ़ में झारखंड पुलिस ने अपहरण गैंग का भंडाफोड़ किया। बंधक बने दो लोगों को छुड़ाया गया और गैंग के 7 सदस्य गिरफ्तार हुए। पढ़ें पूरी खबर।
Jharkhand Gang: झारखंड पुलिस ने अंतरराज्यीय 'अपहरण गैंग' का पर्दाफाश करते हुए रामगढ़ जिले से दो लोगों को सकुशल मुक्त कराया है। पुलिस ने गैंग के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से नोट गिनने की दो मशीनें भी बरामद हुई हैं। यह मामला पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है।
कैसे हुआ गैंग का भंडाफोड़?
पुलिस अधीक्षक अजय कुमार के नेतृत्व में शनिवार को रामगढ़ जिले के दिगवार गांव में एक विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उस घर को चिन्हित किया, जहां दो लोगों को फिरौती के लिए बंधक बनाकर रखा गया था। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए दोनों बंधकों को सुरक्षित छुड़ा लिया और गैंग के सात सदस्यों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
गैंग का तरीका और काम करने का तरीका
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह गिरोह भोले-भाले लोगों को पैसे दोगुना करने का लालच देकर फंसाता था। एक बार जाल में फंसाने के बाद यह गैंग लोगों को अगवा कर उनसे फिरौती की मांग करता था। गैंग के सदस्यों के पास से नोट गिनने की दो इलेक्ट्रॉनिक मशीनें भी बरामद हुई हैं, जो यह दर्शाता है कि गैंग का काम संगठित और योजनाबद्ध था।
इतिहास: झारखंड में संगठित अपराध की चुनौतियां
झारखंड जैसे राज्यों में संगठित अपराध की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। विशेषकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भोले-भाले लोगों को ठगने और अगवा करने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस तरह के गिरोहों का मुख्य लक्ष्य ऐसे लोग होते हैं, जो जल्दी पैसे कमाने के सपने देखते हैं।
पुलिस की तत्परता और कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में बेहद तेज और सटीक कार्रवाई की। छापेमारी अभियान में जिले के पुलिस बल ने एक साथ समन्वय बनाकर गिरोह के सदस्यों को धर दबोचा। इसके साथ ही बंधक बनाए गए दोनों लोगों को सुरक्षित छुड़ाकर उनके परिवारों को राहत दी।
गिरफ्तार सदस्यों से पूछताछ जारी
पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और इनके शिकार बने लोगों की जानकारी जुटाने में लगी है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच गहराई से की जा रही है और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है। मांडू (कुजू) थाने में इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
नोट गिनने की मशीनें: क्या था उद्देश्य?
गैंग के पास से बरामद नोट गिनने की दो मशीनें कई सवाल खड़े कर रही हैं। पुलिस का मानना है कि गैंग इन मशीनों का इस्तेमाल लोगों को प्रभावित करने और अपने जाल में फंसाने के लिए करता था। इसके जरिए वे लोगों को यह यकीन दिलाते थे कि उनका पैसा सुरक्षित और दोगुना हो जाएगा।
स्थानीय लोगों का क्या कहना है?
स्थानीय निवासियों ने पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में ऐसे गिरोह पहले भी सक्रिय रहे हैं, जो भोले-भाले लोगों को अपनी चपेट में लेते थे। लोगों ने प्रशासन से ऐसे गिरोहों पर कड़ी नजर रखने की अपील की है।
सड़क से लेकर वित्तीय सुरक्षा तक की जरूरत
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि न केवल आर्थिक अपराध बल्कि लोगों की सुरक्षा को लेकर भी सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है। झारखंड में पुलिस ने एक बार फिर अपनी तत्परता से यह दिखा दिया है कि संगठित अपराध के खिलाफ उनकी पकड़ मजबूत है।
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