Latehar Lures: टाइगर सफारी का खुलासा! लातेहार में झारखंड की पहली टाइगर सफारी को मिली सीएम हेमंत सोरेन की हरी झंडी, पलामू टाइगर रिजर्व के पास बनेगा बेतला नेशनल पार्क का नया आकर्षण
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लातेहार के पुटूवागढ़ क्षेत्र में प्रस्तावित राज्य के पहले टाइगर सफारी प्रोजेक्ट को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह सफारी बेतला नेशनल पार्क के निकट पलामू टाइगर रिजर्व के इको टूरिज्म सर्किट को मजबूत करेगी और रोजगार के अवसर सृजित करेगी। सीएम ने समयबद्ध कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।
झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव संरक्षण के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के पहले टाइगर सफारी प्रोजेक्ट की तैयारियों को तेज करते हुए शुक्रवार को एक अहम बैठक की, जिसमें इस महत्वाकांक्षी योजना को जमीन पर उतारने के लिए कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए। यह प्रोजेक्ट लातेहार जिले के पुटूवागढ़ क्षेत्र में प्रस्तावित है और इसका लक्ष्य झारखंड को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नक्शे पर एक नई पहचान दिलाना है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने टाइगर सफारी प्रोजेक्ट का विस्तृत प्रेजेंटेशन पेश किया। यह सफारी ऐतिहासिक पलामू टाइगर रिजर्व **(पीटीआर) की सीमा से बाहर, लेकिन बेतला नेशनल पार्क के निकट बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री सोरेन ने निर्देश दिए कि इस योजना को समयबद्ध तरीके से, निर्धारित मानकों के अनुरूप और पूरी पारदर्शिता के साथ पूरा किया जाए। गुणवत्ता से किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा।
इको टूरिज्म सर्किट को मिलेगी नई ताकत
यह टाइगर सफारी प्रोजेक्ट पलामू टाइगर रिजर्व के विस्तृत इको टूरिज्म सर्किट के लिए एक मजबूत आधार बनेगा। यह सर्किट नेतरहाट, बेतला, केचकी से लेकर मंडल डैम तक फैला हुआ है। टाइगर सफारी के जुड़ने से पर्यटकों को एक व्यापक और आकर्षक पर्यटन अनुभव मिलेगा।
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रोजगार का सृजन: टाइगर सफारी का निर्माण न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह डालटनगंज, बरवाडीह और मंडल डैम क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा। यह परियोजना स्थानीय आजीविका को बेहतर बनाने का एक सीधा माध्यम बनेगी।
अधिकारियों ने सीएम को यह भी बताया कि प्रोजेक्ट के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और पूरा निर्माण कार्य पर्यावरण संरक्षण के सभी निर्धारित मानकों का पालन करते हुए किया जाएगा।
बाघों को करीब से देखने का रोमांच
यह टाइगर सफारी पर्यटकों को बाघों और अन्य वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक वास में करीब से देखने का एक अद्वितीय और रोमांचक अवसर प्रदान करेगा, जो झारखंड के इको टूरिज्म की एक बड़ी खूबी बनकर उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से जोर दिया कि प्रोजेक्ट को स्थानीय समुदाय के हित को ध्यान में रखकर लागू किया जाए। टाइगर सफारी प्रोजेक्ट झारखंड की समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। इस महत्वपूर्ण बैठक में मंत्री सुदिव्य कुमार, विधायक कल्पना सोरेन सहित प्रधान मुख्य वन संरक्षक **(वाइल्डलाइफ) परितोष उपाध्याय और पलामू टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एस.आर. नाटेश समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
आपकी राय में, लातेहार में टाइगर सफारी जैसी इको-टूरिज्म परियोजनाओं को सफल बनाने और स्थानीय लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करने हेतु झारखंड सरकार को कौन से दो सबसे प्रभावी और नवाचारी कदम उठाने चाहिए?
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