Jharkhand Encounter: लातेहार और बोकारो में सुरक्षाबलों का नक्सलियों से आमना-सामना, सर्च ऑपरेशन में मिली बड़ी सफलता

झारखंड के लातेहार और बोकारो में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। लातेहार में एक नक्सली गिरफ्तार, जबकि बोकारो में दो नक्सली ढेर।

Jan 22, 2025 - 13:43
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Jharkhand Encounter: लातेहार और बोकारो में सुरक्षाबलों का नक्सलियों से आमना-सामना, सर्च ऑपरेशन में मिली बड़ी सफलता
Jharkhand Encounter: लातेहार और बोकारो में सुरक्षाबलों का नक्सलियों से आमना-सामना, सर्च ऑपरेशन में मिली बड़ी सफलता

झारखंड के दो जिलों लातेहार और बोकारो में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इन घटनाओं ने राज्य में नक्सल उन्मूलन अभियान की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है। इन मुठभेड़ों में जहां लातेहार में एक नक्सली को गिरफ्तार किया गया, वहीं बोकारो में एक महिला समेत दो नक्सली ढेर हुए हैं।

लातेहार: जंगल में छिपे नक्सलियों पर कार्रवाई

लातेहार जिले के सदर थाना क्षेत्र के जंगल में जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के खिलाफ सुरक्षाबलों ने सफल सर्च ऑपरेशन चलाया। एसपी कुमार गौरव को गुप्त सूचना मिली थी कि संगठन का सुप्रीमो पप्पू लोहरा अपने साथियों के साथ बड़ी घटना की योजना बना रहा है। इसके आधार पर पुलिस ने जंगल में सर्च अभियान चलाया।

घटना का विवरण

सुरक्षाबलों के जंगल में पहुंचते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को गिरफ्तार किया और उसके पास से एक राइफल बरामद की। सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है, और सुरक्षाबल इलाके में नक्सलियों के बाकी नेटवर्क को खंगालने में जुटे हैं।

बोकारो: मुठभेड़ में महिला नक्सली ढेर

बोकारो के बेरमो अनुमंडल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ बुधवार सुबह करीब 5 बजे पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के जरवा और बंशी के जंगलों में हुई।

क्या है मामला?

सूत्रों के अनुसार, चंद्रपुरा में पकड़े गए 15 लाख के इनामी नक्सली रणविजय महतो की पत्नी और अन्य नक्सली इस क्षेत्र में छिपे हुए थे। सुरक्षाबलों ने इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। इसी दौरान नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने दो नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें एक महिला नक्सली भी शामिल है।

झारखंड में नक्सल गतिविधियों का इतिहास

झारखंड, विशेष रूप से लातेहार और बोकारो जैसे क्षेत्र, लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहे हैं। राज्य में जेजेएमपी, भाकपा (माओवादी) जैसे संगठन सक्रिय हैं। इन क्षेत्रों में जंगलों की भौगोलिक संरचना नक्सलियों को छिपने और संगठित होने में मदद करती है।

2000 के दशक में झारखंड को नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता था। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षाबलों की कड़ी कार्रवाई और राज्य सरकार की विकास योजनाओं के चलते नक्सली गतिविधियों में कमी आई है।

सुरक्षा बलों का अभियान और सफलता

राज्य में नक्सल उन्मूलन के लिए पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त टीमें लगातार अभियान चला रही हैं। इस अभियान के तहत:

  1. लातेहार में गिरफ्तारी: एक नक्सली गिरफ्तार और राइफल बरामद।
  2. बोकारो में मुठभेड़: दो नक्सली ढेर, जिनमें से एक महिला नक्सली थी।
  3. सर्च ऑपरेशन जारी: नक्सलियों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए जंगलों में अभियान।

आगे की चुनौतियां और योजनाएं

  • स्थानीय लोगों को जागरूक बनाना: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को विकास योजनाओं से जोड़कर जागरूक बनाना।
  • सुरक्षा बलों की सतर्कता: जंगलों में ऑपरेशन तेज करना।
  • पुनर्वास योजनाएं: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास योजनाएं लागू करना।

ग्रामीणों के लिए सलाह

  • संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत सुरक्षाबलों को दें।
  • जंगलों में जाने से बचें और सतर्क रहें।
  • सरकारी योजनाओं और अभियानों का हिस्सा बनें।

झारखंड में सुरक्षाबलों ने नक्सल उन्मूलन अभियान में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। इन अभियानों से न केवल नक्सलियों के नेटवर्क को कमजोर किया जा रहा है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है।

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