Jharkhand CAG – 114035 करोड़ के खर्च पर बड़ा सवाल! CAG रिपोर्ट में सरकार की बड़ी चूक उजागर

झारखंड विधानसभा में पेश CAG रिपोर्ट में 114035 करोड़ रुपये के खर्च पर सवाल खड़े किए गए हैं। जानें कैसे सरकारी खातों से निकाली गई भारी राशि और स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी उजागर हुई।

Feb 28, 2025 - 13:49
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Jharkhand CAG – 114035 करोड़ के खर्च पर बड़ा सवाल! CAG रिपोर्ट में सरकार की बड़ी चूक उजागर
Jharkhand CAG – 114035 करोड़ के खर्च पर बड़ा सवाल! CAG रिपोर्ट में सरकार की बड़ी चूक उजागर

रांची: झारखंड विधानसभा में गुरुवार को पेश की गई CAG (कैग) रिपोर्ट ने सरकार की वित्तीय खामियों को उजागर कर दिया है। रिपोर्ट में 114035.62 करोड़ रुपये के खर्च पर सवाल उठाते हुए बताया गया है कि हजारों उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) अब तक लंबित हैं। इससे निधि के दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताओं की आशंका बढ़ गई है।

आखिर सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर खर्च किया तो पैसा कहां गया? अगर सही जगह खर्च हुआ, तो उसके प्रमाण क्यों नहीं दिए गए? ये सवाल झारखंड की सियासत में हलचल मचा सकते हैं।

कहां गायब हुए 114035 करोड़ रुपये?

CAG रिपोर्ट में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। 2023-24 के दौरान 19125.88 करोड़ रुपये की सहायता राशि विभिन्न विभागों को दी गई थी, लेकिन इसके लिए 5209 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं हुए।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कुल 42158 लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्रों के तहत 114035.62 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, लेकिन 31 मार्च 2024 तक इनका कोई हिसाब नहीं मिला। इसका मतलब यह हो सकता है कि या तो राशि का सही उपयोग नहीं हुआ या फिर वित्तीय गड़बड़ियां हुई हैं।

8 विभागों ने नियम तोड़कर निकाले करोड़ों रुपये!

रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के 8 विभागों ने सरकारी खातों से 30 संक्षिप्त आकस्मिक विपत्रों (Abstract Contingent Bills) के माध्यम से 26.22 करोड़ रुपये निकाले और इस पर कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दिया।

सिर्फ मार्च 2024 में ही 9 आकस्मिक विपत्रों के जरिए 13.32 करोड़ रुपये की निकासी की गई, लेकिन इस पैसे का उपयोग कहां हुआ, इसका कोई प्रमाण नहीं दिया गया।

झारखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल!

CAG रिपोर्ट ने राज्य की खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को भी उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 तक कुल 3,634 स्वीकृत चिकित्सा पदों में से 2,210 पद खाली थे, यानी 61% डॉक्टरों की कमी थी।

इसी तरह, स्टाफ नर्स के 5,872 स्वीकृत पदों में से 3,033 पद और पैरामेडिक्स के 1,080 स्वीकृत पदों में से 864 पद खाली थे। यानी स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की भारी कमी बनी हुई है, जिससे मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा।

दवा और उपकरणों की खरीद में भी बड़ी लापरवाही!

CAG ने पाया कि 2016 से 2022 के बीच जेएमएचआईडीपीसीएल (Jharkhand Medical & Health Infrastructure Development and Procurement Corporation Limited) को 1,395.67 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए थे। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस राशि में से सिर्फ 279.39 करोड़ रुपये यानी केवल 20% पैसा ही खर्च हुआ।

बची हुई राशि या तो वापस कर दी गई या फिर सरकारी खातों में पड़ी रही। सवाल यह उठता है कि जब स्वास्थ्य सेवाओं की हालत इतनी खराब है, तो दवाओं और उपकरणों की खरीद के लिए आवंटित पैसा क्यों नहीं खर्च किया गया?

गलत बजटीय प्रावधान और आर्थिक गड़बड़ियां!

CAG ने यह भी पाया कि झारखंड सरकार ने 2023-24 के दौरान राजस्व अनुभाग की जगह पूंजीगत अनुभाग में 4,536.39 करोड़ रुपये का गलत बजटीय प्रावधान किया। इस राशि में से -

  • 4,433.60 करोड़ पूंजीगत परिसंपत्तियों के सृजन के लिए दिया गया।
  • 36.27 करोड़ छात्रवृत्ति और नकद राहत के लिए आवंटित हुआ।
  • 50 करोड़ सहायता अनुदान और 16.52 करोड़ रखरखाव व मरम्मत कार्यों के लिए दिया गया।

कैग रिपोर्ट के बाद क्या होगी सरकार की प्रतिक्रिया?

झारखंड सरकार के सामने अब इस रिपोर्ट को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। क्या सरकार इस पर कोई जवाब देगी? क्या इतनी बड़ी वित्तीय अनियमितता पर कोई कार्रवाई होगी?

CAG रिपोर्ट आने के बाद विपक्ष हमलावर हो सकता है और सरकार की जवाबदेही तय करने की मांग कर सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार इन गंभीर आरोपों का क्या जवाब देती है।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।