Jharkhand Gift: मोदी सरकार ने दीवाली-छठ से पहले झारखंडवासियों को दिया 2.22 लाख नए घरों का तोहफ़ा!
मोदी सरकार ने झारखंड के ग्रामीणों को त्योहार से पहले बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 2.22 लाख नए घरों की स्वीकृति, दशहरा-दीपावली-छठ से पहले राहत।

जीएसटी स्लैब में बदलाव कर आम जनता को राहत देने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने अब झारखंड के ग्रामीणों को त्योहारों से पहले बड़ा तोहफा दिया है। दशहरा, दीपावली और छठ महापर्व से ठीक पहले राज्य को 2 लाख 22 हजार से अधिक नए घरों की स्वीकृति मिली है। यह घर प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत बनाए जाएंगे।
2,22,069 घरों की स्वीकृति
गोड्डा से बीजेपी सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पत्र साझा करते हुए इस उपलब्धि की जानकारी दी। पत्र में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में झारखंड के लिए 2,22,069 नए घरों का लक्ष्य तय किया गया है।
सांसद निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताते हुए कहा कि “झारखंड माननीय प्रधानमंत्री के दिल के बेहद करीब है, और यह निर्णय ग्रामीण परिवारों के लिए किसी दिवाली गिफ्ट से कम नहीं है।”
शिवराज सिंह चौहान का पत्र
अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि शेष पात्र लाभार्थियों को पीएमएवाई-जी योजना के तहत अंतिम ‘आवास+’ सर्वेक्षण (2018) सूची से घर आवंटित किए जाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम राज्य में आवास की कमी को दूर करने और “सभी के लिए घर” के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में अहम साबित होगा।
योजना का इतिहास और विस्तार
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) की शुरुआत 1 अप्रैल, 2016 को हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य उन ग्रामीण परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना है जिनके पास अभी भी कच्चा या अस्थायी घर है।
-
शुरुआती लक्ष्य: 2.95 करोड़ घर (मार्च 2024 तक)
-
अगस्त 2024 में कैबिनेट का फैसला: योजना को मार्च 2029 तक बढ़ाया गया
-
नया लक्ष्य: 2 करोड़ अतिरिक्त घरों का निर्माण
ग्रामीण विकास मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड को पहले ही वित्त वर्ष 2024-25 तक 2,01,12,107 घरों का कुल लक्ष्य आवंटित किया गया है। इसमें 8,15,210 घर ‘आवास+ 2018 सर्वेक्षण’ से शामिल हैं।
झारखंड के लिए उत्सव से पहले सौगात
यह घोषणा ऐसे समय आई है जब झारखंड में त्योहारों की तैयारी शुरू हो चुकी है। ग्रामीण इलाकों में दशहरा, दीपावली और छठ पर्व का विशेष महत्व है। नए घरों की स्वीकृति को लोग “त्योहार से पहले सरकारी उपहार” मान रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस योजना से न केवल रहने की सुविधा बेहतर होगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे क्योंकि घर बनाने के काम में स्थानीय मज़दूरों की बड़ी भूमिका रहती है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्रामीण इलाकों में पक्के घर मिलने से स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर पर सकारात्मक असर पड़ेगा। बरसात और सर्दी में कच्चे घरों में रहने वाले परिवारों के लिए यह योजना जीवन बदलने वाली पहल साबित हो सकती है।
What's Your Reaction?






