Jamshedpur Traffic Jam: मानगो पुल पर 2 घंटे का तगड़ा जाम, धूप में फंसे स्कूली बच्चे और ऑफिस जाने वाले
जमशेदपुर के मानगो पुल पर मंगलवार सुबह दो घंटे तक भारी जाम, स्कूली बच्चे और ऑफिस जाने वाले परेशान, फ्लाईओवर निर्माण बना जाम की बड़ी वजह।

क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि सुबह ऑफिस निकलते वक्त या बच्चों को स्कूल भेजते समय आप दो घंटे तक चिलचिलाती धूप में जाम में फंसे रहें? अगर आप जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र से हैं, तो यह आपके लिए रोज़ की कहानी हो सकती है।
मंगलवार सुबह ठीक 10:30 बजे से मानगो पुल पर शुरू हुआ ट्रैफिक जाम अब दो घंटे बीतने के बाद भी जस का तस है। जाम में स्कूली वैन, बाइक, कार, ऑटो और पैदल राहगीर सभी बुरी तरह फंसे हुए हैं। गर्मी और धूप के बीच लोगों का धैर्य जवाब दे रहा है, लेकिन रास्ता साफ होने का नाम नहीं ले रहा।
कहां-कहां फैला जाम?
इस बार जाम की जद में सिर्फ मानगो पुल ही नहीं, बल्कि डिमना चौक से लेकर पायल टॉकीज, ओल्ड पुरुलिया रोड, बस स्टैंड गोलचक्कर और छोटे-बड़े सभी पुल शामिल हैं। वाहनों की रफ्तार लगभग थम चुकी है। लोग रॉन्ग साइड से निकलने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे हालात और बदतर हो गए हैं।
ट्रैफिक पुलिस मौके पर मौजूद है, लेकिन जाम की गंभीरता को देखते हुए उनकी व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। भीड़ और गर्मी ने मानगोवासियों की दिनचर्या पूरी तरह बिगाड़ दी है।
स्कूली बच्चे और ऑफिस जाने वालों की सबसे बड़ी मुश्किल
गर्मी के इस मौसम में, जब तापमान 40 डिग्री के करीब पहुंच चुका है, स्कूली बच्चों का घंटों तक वैन में फंसे रहना बेहद चिंताजनक है। माता-पिता की चिंता, बच्चों की बेचैनी और ट्रैफिक पुलिस की असहायता—तीनों मिलकर एक त्रिकोणीय संकट की स्थिति पैदा कर रहे हैं।
ऑफिस जाने वाले लोग भी देर से पहुंचने की वजह से परेशान हैं। हर कोई मोबाइल पर अपने ऑफिस या स्कूल को कॉल कर रहा है और सफाई दे रहा है—“सर, जाम में फंसा हूं…”
क्यों लग रहा है इतना जाम?
इस बार जाम की सबसे बड़ी वजह है मानगो में बन रहा नया फ्लाईओवर। प्रशासन की ओर से यातायात को डायवर्ट करने या ट्रैफिक प्लानिंग की कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं दिख रही। फ्लाईओवर का निर्माण भले ही भविष्य में राहत दिलाने वाला हो, लेकिन फिलहाल यह रोज़मर्रा की जिंदगी को जाम में जकड़ रहा है।
मानगो पुल पहले से ही एक संवेदनशील स्थान माना जाता है। यह इलाका साकची, डिमना और आजादनगर को जोड़ता है, इसलिए हर वक्त भारी वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। लेकिन फ्लाईओवर निर्माण के कारण सड़क की चौड़ाई सिमट गई है, जिससे ट्रैफिक फ्लो पूरी तरह से बाधित हो गया है।
इतिहास भी गवाह है…
मानगो पुल का इतिहास देखें तो यह इलाका हर कुछ महीने में ट्रैफिक की गंभीर समस्याओं से जूझता रहा है। चाहे त्योहारों के दिन हों या स्कूली समय, यह पुल मानो जाम का स्थायी केंद्र बन चुका है। पहले भी कई बार यहां पुलिस बल की संख्या बढ़ाई गई, बैरिकेड्स लगाए गए, लेकिन जाम की जड़ में जो असली समस्या है—उसका समाधान आज तक नहीं हो पाया।
आगे क्या?
फिलहाल ट्रैफिक पुलिस जाम को हटाने में जुटी है। कुछ वाहन धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं दिख रहा। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि निर्माण कार्य के दौरान वैकल्पिक मार्गों की स्पष्ट जानकारी दी जाए और स्कूल वैन के लिए प्राथमिकता दी जाए।
जमशेदपुर जैसे औद्योगिक शहर में ट्रैफिक व्यवस्था का बार-बार ध्वस्त होना न सिर्फ आम जनता के लिए परेशानी का कारण है, बल्कि यह शहर की छवि पर भी असर डालता है। मानगो पुल पर मंगलवार का यह जाम एक और उदाहरण है कि कैसे बिना ट्रैफिक प्लानिंग के कोई भी निर्माण कार्य नागरिकों की परेशानी का सबब बन सकता है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस बार कितनी जल्दी सबक लेता है और क्या आने वाले दिनों में मानगो पुल पर लोगों को राहत मिलेगी या फिर जाम इसी तरह लोगों का धैर्य और समय दोनों निगलता रहेगा।
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