Jamshedpur Theft: रात के सन्नाटे में बारीगोड़ा में लाखों की चोरी, ताले टूटे, पुलिस खाली हाथ

जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत बारीगोड़ा में चोरों ने टाटा मोटर्स कर्मी के मकान को बनाया निशाना। लाखों के गहनों की चोरी से दहशत में लोग, इलाके में बढ़ती चोरी की घटनाएं बना रहीं पुलिस के लिए चुनौती।

Apr 23, 2025 - 12:14
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Jamshedpur Theft: रात के सन्नाटे में बारीगोड़ा में लाखों की चोरी, ताले टूटे, पुलिस खाली हाथ
Jamshedpur Theft: रात के सन्नाटे में बारीगोड़ा में लाखों की चोरी, ताले टूटे, पुलिस खाली हाथ

जमशेदपुर शहर में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं और अब परसुडीह थाना क्षेत्र के बारीगोड़ा में हुई एक और वारदात ने आम लोगों की नींद उड़ा दी है। इस बार चोरों ने एक ऐसा मकान चुना जो टाटा मोटर्स के कर्मचारी का है, लेकिन उसमें किरायेदार अपने परिवार के साथ रहते थे और घटना के समय घर पर नहीं थे।

घटना की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि चोरों ने सारे ताले तोड़कर लाखों रुपये के नकद और गहनों पर हाथ साफ कर दिया, और किसी को भनक तक नहीं लगी।

कैसे घटी ये वारदात?

यह वारदात बारीगोड़ा के जनता मार्केट रोड स्थित एक मकान में घटी है, जो टाटा मोटर्स के कर्मचारी रंजय कुमार का है। उनके मकान में राजू राय नामक व्यक्ति अपने परिवार के साथ किराए पर रहते हैं। दुर्भाग्यवश, घटना की रात वे अपने परिवार सहित कहीं बाहर गए हुए थे और यही मौका चोरों ने भांप लिया।

रात के अंधेरे में चोरों ने मकान के मुख्य दरवाजे सहित सभी कमरों के ताले तोड़ डाले और घर का कोना-कोना खंगाल डाला। जब सुबह पड़ोसियों ने दरवाजे टूटे देखे तो तुरंत सूचना पुलिस को दी गई।

पुलिस जांच के दायरे में कौन?

परसुडीह थाना पुलिस को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। पुलिस घटनास्थल से फिंगरप्रिंट्स जुटा रही है और इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं

हालांकि अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है, जिससे पीड़ित परिवार और क्षेत्रवासी बेहद निराश हैं।

इलाके में चोरी की घटनाओं का इतिहास

बारीगोड़ा और आसपास के क्षेत्र में चोरी की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। बीते कुछ महीनों में परसुडीह थाना क्षेत्र में एक के बाद एक कई वारदातें हो चुकी हैं।

  • पिछले साल अक्टूबर में भी इसी इलाके में एक वृद्ध दंपती के घर से जेवर और नगदी की चोरी हुई थी।

  • नवंबर 2023 में एक मोबाइल दुकान से रातों-रात लाखों की चोरी कर ली गई थी।

इन घटनाओं के बावजूद इलाके में गश्ती व्यवस्था या पुलिस की सक्रियता में कोई विशेष बदलाव नहीं आया है। यही कारण है कि अब जनता का भरोसा कानून-व्यवस्था से डगमगाने लगा है।

आम लोग दहशत में

बारीगोड़ा जैसे इलाके में, जहाँ आम लोग नौकरीपेशा या व्यवसायी हैं, रात की ऐसी वारदातें मन में डर का बीज बो देती हैं। इस घटना के बाद कई स्थानीय नागरिकों ने कहा कि पुलिस को रात्रि गश्ती और इलाके की निगरानी बढ़ानी चाहिए।

“अगर पुलिस की गश्ती नियमित होती तो शायद आज चोरों के हौसले इतने बुलंद नहीं होते,” – ये कहना है स्थानीय निवासी अशोक महतो का।

क्या है आगे की राह?

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब केवल एफआईआर दर्ज कर देना और जांच की औपचारिकता निभाना पर्याप्त नहीं है। रांची या जमशेदपुर जैसे शहरी इलाकों में बढ़ती आपराधिक घटनाएं दर्शाती हैं कि अब स्मार्ट सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है, जैसे कि हर गली में सीसीटीवी, मोहल्ला सुरक्षा कमेटी और पुलिस की मोबाइल पेट्रोलिंग।

 किसकी जिम्मेदारी?

बारीगोड़ा की यह चोरी की घटना सिर्फ एक अकेली वारदात नहीं है, बल्कि यह सिस्टम के उस छेद की निशानी है, जिसमें आम आदमी असुरक्षित है और चोर आज़ाद।

अब सवाल उठता है—क्या पुलिस प्रशासन इन घटनाओं को गंभीरता से लेगा? और क्या आम लोग अब खुद भी सुरक्षा के लिए कुछ ठोस कदम उठाएंगे?

जवाब तो वक्त देगा, लेकिन सवाल अभी भी हवा में हैं...

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।