Jamshedpur Tragedy: डॉक्टर की पत्नी ने घर में लगाई फांसी, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में डॉक्टर की पत्नी ने आत्महत्या कर ली। डिप्रेशन से जूझ रही 43 वर्षीय अंजली कुमारी की इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। जानें, पुलिस की जांच में क्या खुलासा हुआ।
जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में दुर्गा अपार्टमेंट से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। यहां 43 वर्षीय अंजली कुमारी, जो एक प्रतिष्ठित चिकित्सक की पत्नी थीं, ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
कैसे घटी घटना?
जानकारी के मुताबिक, यह घटना मंगलवार सुबह करीब 4 बजे की है। अंजली कुमारी ने अपने बेडरूम में फांसी लगा ली। जब उनके पति, डॉ. पंकज कुमार, सुबह उठकर बाथरूम गए, तो उन्होंने देखा कि अंजली पंखे से लटकी हुई हैं। यह दृश्य देखकर वह दंग रह गए।
उन्होंने तुरंत उन्हें टीएमएच अस्पताल ले जाया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अंजली के दो बच्चे भी हैं, जो इस घटना के बाद गहरे सदमे में हैं।
पारिवारिक कलह बनी वजह?
बताया जा रहा है कि अंजली पिछले कुछ समय से डिप्रेशन का शिकार थीं। परिवार में चल रहे कुछ आंतरिक तनावों ने उनके मानसिक स्वास्थ्य को काफी प्रभावित किया था। हालांकि, पुलिस ने फिलहाल आत्महत्या के पीछे की वजह को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
डॉ. पंकज कुमार, जो पहले ब्रह्मानंद अस्पताल में कार्यरत थे, अब अपना खुद का क्लिनिक चलाते हैं। उनके परिवार को लेकर यह घटना काफी चौंकाने वाली है।
पुलिस जांच जारी
घटना की सूचना मिलने के बाद परसुडीह थाना की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि फिलहाल कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, लेकिन आत्महत्या के पीछे पारिवारिक तनाव को मुख्य कारण माना जा रहा है।
पुलिस हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है और परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है।
डिप्रेशन के बढ़ते मामले और समाज की जिम्मेदारी
अंजली कुमारी की यह घटना सिर्फ एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति हमारी सामूहिक असंवेदनशीलता को भी उजागर करती है। डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर समाज में अभी भी खुलकर बात नहीं होती।
ऐतिहासिक रूप से देखें तो मानसिक स्वास्थ्य को लेकर झारखंड जैसे राज्यों में जागरूकता का स्तर कम है। कई परिवार ऐसे मामलों को छिपाना पसंद करते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है।
समाज को सीखने की जरूरत
यह घटना मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने और डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को सहारा देने की जरूरत पर जोर देती है। परिवार और दोस्तों को अपने प्रियजनों के बदलते व्यवहार पर नजर रखनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ से मदद लेनी चाहिए।
जमशेदपुर की यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे डिप्रेशन और पारिवारिक तनाव किसी की जान ले सकता है। पुलिस की जांच से आत्महत्या की असली वजह का खुलासा होगा, लेकिन हमें इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करना, समय पर मदद लेना, और अपने प्रियजनों के साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखना, इस समस्या का समाधान हो सकता है।
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