Jamshedpur Rain Havoc : हावड़ा ब्रिज के समीप पेड़ गिरने से जाम, कार चकनाचूर और लोग घंटों फंसे रहे
जमशेदपुर में बारिश के बाद हावड़ा ब्रिज के समीप बहुत बड़ा जाम लगा, पेड़ गिरने से कार क्षतिग्रस्त और जाम से लोग बेहाल।

जमशेदपुर: झारखंड की औद्योगिक राजधानी कही जाने वाली जमशेदपुर में अचानक मौसम ने करवट ली और तेज बारिश ने पूरे शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया। कई दिनों से तपती धूप से बेहाल लोग बारिश से राहत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन यह राहत देखते-देखते आफत में बदल गई।
सबसे बड़ी घटना शहर की स्लैग रोड और हावड़ा ब्रिज के पास हुई, जहां अचानक एक विशाल पेड़ गिर पड़ा। यह पेड़ न केवल सड़क पर गिरा बल्कि सीधे एक कार पर आ गिरा। कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और सड़क का एक हिस्सा पूरी तरह ब्लॉक हो गया। परिणामस्वरूप, हावड़ा ब्रिज से लेकर साकची तक कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
लगातार हो रही बारिश की वजह से स्थिति और भी गंभीर हो गई। सड़क पर पानी जमा हो गया और ट्रैफिक फंसा रहा। जाम में स्कूली बसें, ऑफिस जाने वाले लोग और जरूरी सेवाओं के वाहन तक फंसे रहे।
स्थानीय लोग बताते हैं कि हावड़ा ब्रिज जमशेदपुर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है। यहां दिन-रात वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में अगर इस पुल पर कुछ ही मिनट के लिए भी रास्ता बंद हो जाए तो पूरा शहर थम जाता है। यही वजह रही कि बारिश ने शहर की रफ्तार को पूरी तरह रोक दिया।
प्रशासन और जुस्को की लापरवाही
इस घटना के बाद लोगों ने जमशेदपुर यूटिलिटीज एंड सर्विसेज कंपनी (जुस्को) पर नाराज़गी जताई। आरोप है कि बारिश के बावजूद मौके पर कोई कर्मचारी तुरंत नहीं पहुंचा। लोग पेड़ हटाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे। उधर पुलिस कर्मियों ने खुद बैरिकेडिंग कर ट्रैफिक को डायवर्ट करने की कोशिश की, लेकिन तब तक जाम कई किलोमीटर लंबा हो चुका था।
लोगों की परेशानियां
शनिवार के जाम ने हजारों लोगों को घंटों तक परेशान किया। कई लोग पैदल ही रास्ता तय करने को मजबूर हो गए। सोशल मीडिया पर भी इस घटना की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि कैसे लोग बारिश में भीगते हुए फंसे हुए हैं और कार मालिक अपने वाहन को देखकर रोते नज़र आ रहे हैं।
सवाल खड़े करता हादसा
यह घटना केवल एक पेड़ गिरने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शहर की प्रशासनिक लापरवाही का भी आईना है। सवाल यह उठता है कि अगर समय रहते पेड़ की कटाई या ट्रिमिंग कर दी जाती तो क्या यह हादसा टल सकता था? और क्या शहर की सबसे व्यस्त सड़क पर ऐसी घटनाओं के लिए कोई आपात व्यवस्था मौजूद है?
जमशेदपुर में हुई यह घटना सिर्फ बारिश का नतीजा नहीं, बल्कि बदइंतजामी का बड़ा सबूत है। आस्था और प्रकृति के बीच संतुलन जरूरी है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था उससे भी ज्यादा अहम है।
आज पेड़ गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हुई, लेकिन अगर यह हादसा किसी बस या भीड़भाड़ वाली गाड़ियों पर होता तो कितनी बड़ी त्रासदी हो सकती थी, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इससे सबक लेगा या आने वाले दिनों में जमशेदपुर की सड़कों पर इसी तरह की अव्यवस्था और हादसे देखने को मिलते रहेंगे।
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