Jamshedpur: ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर विमेन में NAAC मूल्यांकन कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साझा किए सफलता के महत्वपूर्ण राज!

जमशेदपुर के ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर विमेन में दो दिवसीय NAAC मूल्यांकन कार्यशाला का समापन हुआ। जानें इस कार्यशाला में क्या खास रहा और कैसे शिक्षा जगत में NAAC मूल्यांकन की प्रक्रिया को समझाया गया।

Nov 27, 2024 - 19:38
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Jamshedpur:  ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर विमेन में  NAAC मूल्यांकन कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साझा किए सफलता के महत्वपूर्ण राज!
Jamshedpur: ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर विमेन में NAAC मूल्यांकन कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साझा किए सफलता के महत्वपूर्ण राज!

जमशेदपुर, 27 नवंबर 2024: जमशेदपुर ग्रैजुएट स्कूल कॉलेज फॉर विमेन में आयोजित NAAC मूल्यांकन की तैयारी को लेकर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन आज हुआ। इस कार्यशाला में कुल छह सत्र आयोजित किए गए थे, जिनमें से चार तकनीकी सत्रों में विभिन्न विशेषज्ञों ने NAAC मूल्यांकन की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

कार्यशाला का उद्घाटन 26 नवंबर 2024 को हुआ था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान विश्वविद्यालय के सोशल साइंस डीन डॉ. राजेन्द्र भारती और वित्त पदाधिकारी डॉ. विनय कुमार सिंह उपस्थित थे। इस कार्यशाला का उद्देश्य NAAC के मूल्यांकन के संबंध में विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के शिक्षकों और प्राचार्यों को अपडेट करना और उन्हें इस प्रक्रिया से जुड़ी सभी जानकारी प्रदान करना था।

NAAC मूल्यांकन: बाइनरी सिस्टम और उसकी महत्वता

कार्यशाला के पहले तकनीकी सत्र में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की उप निदेशक डॉ. विभा पाण्डेय ने NAAC मूल्यांकन के नवीन ग्रेडिंग प्रणाली बाइनरी सिस्टम पर विस्तृत चर्चा की। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि NAAC के मूल्यांकन में प्रत्यायन और मूल्यांकन की महत्वपूर्ण भूमिका है और कैसे यह शैक्षिक संस्थानों को विश्वसनीयता और मान्यता प्रदान करता है। इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा में सुधार के लिए किए गए प्रयासों को भी साझा किया।

NAAC मूल्यांकन के 7 महत्वपूर्ण मानदंड

दूसरे तकनीकी सत्र में संत जेवियर कॉलेज, महुआडांड़, लातेहार के प्राचार्य डॉ. एम.के. जोस ने NAAC मूल्यांकन के निर्धारित 7 मानदंडों के बारे में चर्चा की। उन्होंने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि किस प्रकार से SSR (Self Study Report) को भरने की प्रक्रिया को सही तरीके से लागू किया जा सकता है। डॉ. जोस ने अपने कॉलेज के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने हाल ही में A+ ग्रेड प्राप्त किया था, और किस प्रकार उन्होंने NAAC मूल्यांकन की सभी प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से पूरा किया।

डेटा जनरेशन और NAAC मूल्यांकन की प्रक्रिया

कार्यशाला के दूसरे दिन के पहले तकनीकी सत्र में कोल्हान विश्वविद्यालय के आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक डॉ. एस.के. गोराई ने NAAC मूल्यांकन के लिए डेटा जनरेशन और NAAC नियमावली पर विस्तृत चर्चा की। डॉ. गोराई ने बताया कि NAAC के सात प्रमुख मापदंडों में शैक्षणिक प्रक्रिया, पाठ्यक्रम, शिक्षण अधिगम, संकाय, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा और शिक्षण संसाधन प्रमुख हैं। उन्होंने इस पर जोर दिया कि कैसे प्रत्येक महाविद्यालय को SSR भरते समय इन मापदंडों का सही पालन करना चाहिए।

NAAC मूल्यांकन में समूह कार्य का महत्व

आज के दूसरे तकनीकी सत्र में कोल्हान विश्वविद्यालय के पहले कुलानुशासक प्रो. अमिताभ बोस ने NAAC मूल्यांकन में समूह कार्य के महत्व को साझा किया। प्रो. बोस ने बताया कि लाइकर स्केल का उपयोग करके छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के अनुभव को कैसे एकत्रित किया जा सकता है, और इससे NAAC मूल्यांकन की प्रक्रिया में मदद मिल सकती है।

इस सत्र में वनस्पति विज्ञान विभाग अध्यक्ष डॉ. निर्मला शुक्ला ने SSR प्रतिवेदन तैयार करने की विधि और उपलब्ध संसाधनों पर विशेष बल दिया। उन्होंने बताया कि कैसे प्रत्येक संस्थान को अपने संसाधनों का विस्तृत आकलन कर रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।

कार्यशाला का समापन और सराहना

इस कार्यशाला में कुल 130 प्रतिभागियों ने सभी सत्रों में भाग लिया, जिसमें विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक और प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे। कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. वीणा सिंह प्रियदर्शी ने की। साथ ही, कार्यशाला का संचालन डॉ. अर्चना सिन्हा और डॉ. स्मिता नंदी ने किया। कार्यशाला का संकलन प्रो. दीप्ति कश्यप ने किया और तकनीकी सहयोग में डॉ. सुहिता चटर्जी, डॉ. स्वेता शर्मा सहित कई अन्य शिक्षक शामिल थे।

इस कार्यशाला के आयोजन में सचिव डॉ. बनी श्री डे और सह सचिव डॉ. सुशिला हांसदा की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मेहनत की।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।