Tata Steel: भारत में स्टील की कीमतों में गिरावट और चीन के आयात पर एमडी टीवी नरेंद्रन की बड़ी चेतावनी!
टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने स्टील की कीमतों में गिरावट और चीन के भारत में बढ़ते आयात पर गहरी चिंता जताई। जानें इस मुद्दे पर उनके विचार और भारत की स्टील इंडस्ट्री के भविष्य के बारे में अहम बातें।
27 नवंबर 2024। टाटा स्टील के एमडी और सीईओ टीवी नरेंद्रन ने हाल ही में स्टील की कीमतों में गिरावट और चीन के आयात के बढ़ते दबाव पर अपनी गहरी चिंता जाहिर की। एक प्रमुख बिजनेस अखबार में दिए गए विस्तृत इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि भारत की स्टील इंडस्ट्री को खासी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें सबसे बड़ी चिंता चीन से बढ़ते आयात और मूल्य गिरावट है।
स्टील की डिमांड में बढ़ोत्तरी, लेकिन गिरती कीमतें!
टीवी नरेंद्रन ने कहा, “हालांकि स्टील की डिमांड में 8-9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और भारत की जीडीपी 6.5 से 7 प्रतिशत तक बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद स्टील की कीमतों में निरंतर गिरावट चिंता का कारण बनी हुई है।” उनका मानना है कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में कुछ समय से स्लोडाउन देखने को मिला है, लेकिन मोटरसाइकिल डिमांड में वृद्धि यह दर्शाती है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।
मानसून के बाद कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है, जिससे स्टील की डिमांड में और इजाफा हो सकता है। नरेंद्रन के अनुसार, केंद्र सरकार की योजनाओं के तेज होने के बाद अर्थव्यवस्था और डिमांड में और भी तेजी देखने को मिल सकती है।
चीन के बढ़ते आयात से भारत पर दबाव
हालांकि, चीन का भारत में बढ़ता आयात और उसके असर से नरेंद्रन बेहद चिंतित हैं। उन्होंने कहा, “चीन से आयातित स्टील के बढ़ने से भारत में स्थानीय कीमतों पर बहुत दबाव पड़ा है। यह स्थिति ना केवल भारत के स्टील उद्योग के लिए चिंताजनक है, बल्कि इसके कारण देश की आर्थिक स्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।”
नरेंद्रन ने यह भी बताया कि भारत सरकार इस मामले पर गंभीर विचार कर रही है, और चीन के आयात पर अतिरिक्त ड्यूटी लगाने के बारे में जल्द ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। उनका मानना है कि यह कदम स्थानीय उद्योग के लिए बहुत जरूरी है, ताकि प्रतिस्पर्धा बनी रहे और स्थानीय कंपनियों को नुकसान न हो।
टीवी नरेंद्रन का बयान: स्टील की भविष्यवाणी
टीवी नरेंद्रन ने आगे कहा, “हमारी स्थानीय कंपनियां चीन के आयात से हो रहे नुकसान को लेकर परेशान हैं। इस बढ़ते आयात के कारण भारत के स्टील बाजार में मूल्य गिरते जा रहे हैं, जिससे उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है।”
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत सरकार इस मामले पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए है और जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। “हमें उम्मीद है कि सरकार इस संकट से निपटने के लिए उचित कदम उठाएगी।”
यूके में जॉब कट के बारे में भी बोले टीवी नरेंद्रन
नरेंद्रन ने टाटा स्टील के विदेशी संयंत्रों में हो रहे जॉब कट्स पर भी बयान दिया। उन्होंने बताया कि यूके में टाटा स्टील की योजना के तहत लगभग 2,000 लोगों ने स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने का आवेदन दिया है। कुल मिलाकर लगभग 3,000 कर्मचारियों की कटौती की योजना बनाई गई है, लेकिन यह प्रक्रिया सौहार्दपूर्ण तरीके से चल रही है। उन्होंने कहा, “हमारी योजना है कि यह कदम बहुत ही विचारशील तरीके से उठाया जाए, ताकि किसी कर्मचारी को अधिक कठिनाई न हो।”
क्या है इस स्थिति का भारत की स्टील इंडस्ट्री पर प्रभाव?
चीन से बढ़ते आयात और घटती कीमतों के बीच, भारत की स्टील इंडस्ट्री के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। टाटा स्टील और अन्य कंपनियां इसके प्रभावों से निपटने के लिए लगातार रणनीतियों पर काम कर रही हैं। भारत सरकार की भूमिका इस स्थिति में बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि वाणिज्यिक नीतियों के जरिए चीन के आयात को नियंत्रित किया जा सकता है।
स्टील उद्योग का भविष्य अब इन आर्थिक दबावों और चीन के आयात पर निर्भर करेगा। सरकार और उद्योग जगत को मिलकर इस मूल्य गिरावट और आयात दबाव का समाधान निकालना होगा, ताकि भारत की अर्थव्यवस्था और स्थानीय उद्योग को मजबूती मिल सके।
टीवी नरेंद्रन के इस बयान ने स्पष्ट किया है कि भारत को केवल आंतरिक विकास पर ध्यान केंद्रित नहीं करना है, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा और आयात नीतियों पर भी सोचने की जरूरत है।
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