Jamshedpur Accident: होली की मस्ती के बीच दर्दनाक हादसा! दंपति पर गिरा विशाल पीपल का पेड़, मौके पर मची चीख-पुकार
जमशेदपुर में होली का जश्न मातम में बदल गया, जब गोलमुरी थाना क्षेत्र में एक दंपति पर अचानक पीपल का पेड़ गिर पड़ा। हादसे में दोनों की दर्दनाक मौत हो गई।

जमशेदपुर में होली का त्योहार खुशियों की जगह मातम में बदल गया। होली खेलकर लौट रहे एक दंपति पर अचानक विशाल पीपल का पेड़ गिर गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा गोलमुरी थाना क्षेत्र में हुआ, जहां सड़क किनारे खड़ा वर्षों पुराना पीपल का पेड़ अचानक गिर पड़ा।
कैसे हुआ ये दर्दनाक हादसा?
यह घटना शाम 5:30 बजे की है। सोनारी निवासी एक दंपति अपने करीबी के घर नामदा बस्ती होली खेलने गए थे। वहां से लौटते समय जैसे ही वे लोग गोलमुरी थाना के पास पहुंचे, एक पुराने पीपल के पेड़ की विशाल टहनी टूटकर उनके ऊपर गिर गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धड़ाम से गिरी टहनी ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। लोग चिल्लाते हुए दौड़े और किसी तरह दंपति को बाहर निकाला गया। सूचना मिलते ही गोलमुरी पुलिस मौके पर पहुंची और तुरंत उन्हें अस्पताल भेजा गया।
अस्पताल में तोड़ा दम, पूरे इलाके में पसरा मातम
घायलों को तुरंत टाटा मेन हॉस्पिटल (TMH) ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर के बाद पूरे इलाके में मातम छा गया। होली की खुशियां एक झटके में गम में बदल गईं।
पुराने पेड़ बने 'मौत का कारण', प्रशासन की लापरवाही उजागर!
यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी पुराने पेड़ के गिरने से हादसा हुआ हो। जमशेदपुर में कई ऐसे पुराने पेड़ शहर में खतरा बनकर खड़े हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को समय रहते इन खतरनाक पेड़ों को हटाने की कार्रवाई करनी चाहिए।
गोलमुरी इलाके में पहले भी पेड़ों की वजह से छोटे-मोटे हादसे हो चुके हैं, लेकिन इस बार यह जानलेवा साबित हुआ। स्थानीय लोगों में प्रशासन की लापरवाही को लेकर गुस्सा है।
क्या ऐसे हादसों से बचा जा सकता था?
विशेषज्ञों के अनुसार, बूढ़े और कमजोर पेड़ों की समय-समय पर कटाई और रखरखाव बेहद जरूरी है।
समय-समय पर पेड़ों की जांच होनी चाहिए।
जिन पेड़ों की टहनियां कमजोर हैं, उन्हें पहले ही काट दिया जाना चाहिए।
तेज आंधी-तूफान के मौसम में प्रशासन को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।
प्रशासन हरकत में आएगा या फिर कोई और हादसा होगा?
इस दर्दनाक हादसे के बाद प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। क्या अब नगर निगम और प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा? या फिर ऐसे ही कोई और मासूम लोग अपनी जान गंवाते रहेंगे?
आपका क्या कहना है? क्या प्रशासन की लापरवाही इस हादसे के लिए जिम्मेदार है? कमेंट में अपनी राय दें!
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