Jamshedpur Tragedy: आग तापने के दौरान झुलसीं दो महिलाओं की दर्दनाक मौत, परिवार सदमे में
जमशेदपुर के पोटका और बागबेड़ा में आग तापने के दौरान झुलसीं दो महिलाओं की इलाज के दौरान मौत। जानिए क्या हुई गलती और कैसे बचा सकते हैं ऐसी घटनाओं से?
जमशेदपुर, झारखंड: जमशेदपुर के ग्रामीण इलाकों में ठंड के बीच आग तापना दो परिवारों के लिए भारी पड़ गया। पोटका और बागबेड़ा थाना क्षेत्र में आग तापने के दौरान झुलसी दो महिलाओं की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद दोनों परिवारों में मातम पसरा हुआ है।
बागबेड़ा: गीता देवी की दर्दनाक मौत
बागबेड़ा थाना क्षेत्र के रानी डी गोल्टी झोपड़ी की निवासी गीता देवी (32) 4 जनवरी की सुबह अपने घर के बाहर ठंड से बचने के लिए आग ताप रही थीं। इसी दौरान अचानक उनके कपड़ों में आग लग गई। परिजन तुरंत उन्हें सदर अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया।
इलाज के दौरान 5 जनवरी की सुबह करीब 6:00 बजे गीता देवी ने दम तोड़ दिया। गीता देवी अपने पीछे चार छोटे बच्चों को छोड़ गई हैं। उनकी असमय मौत से पूरा परिवार सदमे में है।
पोटका: बालिका गोप की दर्दनाक घटना
दूसरी घटना पोटका थाना क्षेत्र के हेंसलबिल गांव की है, जहां 6 जनवरी को बालिका गोप (47) ठंड से बचने के लिए आग ताप रही थीं। अचानक आग की लपटों ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वह बुरी तरह झुलस गईं। गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान गुरुवार देर रात उनकी भी मृत्यु हो गई।
बालिका गोप अपने पीछे दो बेटों को छोड़ गई हैं। उनके निधन से पूरा गांव शोक में डूबा हुआ है।
कैसे होती हैं ऐसी घटनाएं?
हर साल सर्दियों के मौसम में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में लोग आग तापकर ठंड से बचने की कोशिश करते हैं। लेकिन अक्सर लापरवाही या कपड़ों के आग पकड़ने के कारण ऐसी दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
इतिहास और जागरूकता
भारत में ठंड के मौसम में आग तापने की परंपरा काफी पुरानी है। लेकिन सुरक्षा उपायों की अनदेखी के कारण यह खतरनाक साबित हो सकता है। खासतौर पर महिलाएं और बुजुर्ग ऐसे हादसों का अधिक शिकार होते हैं।
सुरक्षा के लिए सुझाव:
- आग जलाते समय सुरक्षित दूरी बनाएं।
- सिंथेटिक कपड़ों से बचें, जो जल्दी आग पकड़ सकते हैं।
- आग जलाते समय बाल्टी में पानी पास रखें।
- बच्चों और बुजुर्गों को आग के पास अकेला न छोड़ें।प्रशासन की अपील
स्थानीय प्रशासन ने इस घटना के बाद नागरिकों से अपील की है कि आग तापने के दौरान अधिक सतर्कता बरतें और सुरक्षा नियमों का पालन करें। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाए जाने की जरूरत बताई गई है।
जमशेदपुर की ये घटनाएं एक बड़ी सीख देती हैं कि ठंड से बचने के लिए अपनाए जाने वाले पारंपरिक तरीकों में सुरक्षा उपायों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। गीता देवी और बालिका गोप की दर्दनाक मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। प्रशासन और स्थानीय लोग अब इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
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