Jharkhand water problems: बागबेड़ा जलापूर्ति योजना को लेकर सीएम को ज्ञापन, उग्र आंदोलन की चेतावनी!
बागबेड़ा में जलापूर्ति योजना को लेकर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। जानें पूरी खबर और योजना की स्थिरता पर क्या है बागबेड़ा महानगर विकास समिति का सवाल।
जमशेदपुर : बागबेड़ा क्षेत्र के लोग, जो लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, अब इसे हल करने के लिए गंभीर हो गए हैं। बागबेड़ा महानगर विकास समिति ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपकर राज्य सरकार से बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है। समिति ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि सरकार इस योजना को लागू करने में विफल रही तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
रघुवर दास ने रखी थी आधारशिला, लेकिन योजना अब तक अधूरी
बागबेड़ा वृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना की आधारशिला तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा रखी गई थी। यह योजना जल संकट को दूर करने के लिए तैयार की गई थी, ताकि लाखों लोग जो पानी के लिए तरस रहे हैं, उन्हें राहत मिल सके। लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस योजना को अब तक धरातल पर उतारने की कोई ठोस पहल नहीं की गई है। लाखों लोग आज भी बुनियादी जल आपूर्ति की कमी से जूझ रहे हैं, और बागबेड़ा महानगर विकास समिति इस मुद्दे को लेकर लगातार आंदोलन कर रही है।
समिति ने दिया उग्र आंदोलन का अल्टीमेटम
बागबेड़ा महानगर विकास समिति ने राज्य सरकार को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि अगर जलापूर्ति योजना को जल्द से जल्द लागू नहीं किया गया, तो बागबेड़ा के लोग विधानसभा और लोकसभा का घेराव करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। समिति का कहना है कि अब तक इस योजना के लिए सैकड़ों बार आंदोलन किए जा चुके हैं, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला है। यह स्थिति अब बर्दाश्त से बाहर हो चुकी है और अगर शीघ्र ही समाधान नहीं हुआ, तो जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकार की होगी।
जल संकट: बागबेड़ा की जनता की पीड़ा
बागबेड़ा क्षेत्र में पानी की भारी किल्लत है। यहां के लोग जलापूर्ति के लिए बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। यह समस्या वर्षों से चली आ रही है, और अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जल संकट की स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि यहां के लोग अब उग्र आंदोलन की ओर बढ़ रहे हैं। बागबेड़ा की जनता का कहना है कि यह कोई नई समस्या नहीं है, बल्कि वर्षों से चल रही है, और अब इसे हल करने का समय आ गया है।
इतिहास: जलापूर्ति योजना का विकास
बागबेड़ा जलापूर्ति योजना का सपना उस समय के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने देखा था, जब उन्होंने इसकी आधारशिला रखी थी। यह योजना ग्रामीण क्षेत्र में जल आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए बनाई गई थी, ताकि दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोग भी साफ पानी पा सकें। लेकिन इस योजना की धीमी प्रगति और लगातार लटकते फैसले स्थानीय लोगों के लिए निराशाजनक साबित हुए हैं।
क्या हो सकता है अगला कदम?
यदि राज्य सरकार समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो बागबेड़ा की जनता को और अधिक दबाव बनाने के लिए उग्र आंदोलन करने का अधिकार होगा। इस मामले को लेकर प्रशासन को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि जल संकट से निपटने के लिए कुछ समाधान निकाला जा सके। अब यह देखना बाकी है कि क्या राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारने के लिए जरूरी कदम उठाती है या नहीं।
समिति का मजबूत संदेश
बागबेड़ा महानगर विकास समिति ने यह भी कहा कि इस योजना के लागू न होने की स्थिति में वे विरोध प्रदर्शन और आंदोलन को और बढ़ा सकते हैं। यह आंदोलन न सिर्फ बागबेड़ा के नागरिकों के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ा सवाल बन सकता है कि क्या सरकार वाकई अपनी योजनाओं को लागू करने के प्रति गंभीर है।
बागबेड़ा जलापूर्ति योजना को लेकर बागबेड़ा महानगर विकास समिति ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है, और जल्द समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। जल संकट के समाधान के लिए यह योजना महत्वपूर्ण है, और इसके लटकने से बागबेड़ा के लोग परेशान हैं। राज्य सरकार को अब जल्दी से जल्दी इस मामले में हस्तक्षेप करना होगा, अन्यथा जनता को और बड़ा आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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