हर्मिट स्पाइवेयर : मोदी का नया हथियार | Hermit Spyware in hindi
हर्मिट स्पाइवेयर : मोदी का नया हथियार | Hermit Spyware in hindi
पेगासस स्पाइवेयर का नाम तो आप सुने हुए भारत सरकार इसके मदद से सिक्योरिटी के नाम पर भारत के उन तमाम बड़े कांग्रेसी नेता और बड़े बिजनेसमैनओं को अपनी जासूसी के गिरफ्त में लिया हुआ था पेगासस स्पाइवेयर एक सॉफ्टवेयर से जिसकी मदद से भारत सरकार लोगों की जासूसी कर रही थी जिसको लेकर विपक्ष ने काफी हंगामा किया संसद तक इसकी गूंज सुनाई थी कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर भारतीय मीडिया के हेड लाइनों में पेगासस स्पाइवेयर मोटे मोटे शब्दों में चमचमा रही थी | परंतु यह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा कि अब एक नया स्पाइवेयर का नाम भारतीय सरकार की जासूसी शाखा में सुनाई देने लगा दरअसल खबर यह है कि साइबर सिक्योरिटी रिसर्च ने एक बड़ा खुलासा किया है उन्होंने कहा है कि सरकार अब पेगासस की जगह जासूसी के लिए एक नया स्पाइवेयर का इस्तेमाल कर रही है जिसका नाम है हर्मिट स्पाइवेयर |
कंपनी के मुताबिक अब सरकार पेगासस की जगह नए एंड्रॉयड वर्जन स्पाइवेयर हेलमेट का इस्तेमाल कर रहे हैं | इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कई देशों के लोग जासूसी करने के लिए कर रहे हैं इसके निशाने पर सरकारी अधिकारी बिजनेसमैन ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जर्नलिस्ट पॉलीटिकल लीडर और एजुकेशन सेक्टर से जुड़े लोग है |
किसने डेवलप किया हर्मिट स्पाइवेयर ?
इसे इटली स्पाइवेयर वेंडर आरसीएस लैब और tykelab srl ने तैयार किया है यह एक टेलीकम्युनिकेशंस सॉल्यूशन कंपनी है यह एक मॉड्यूलर स्पाइवेयर है जो डाउनलोड होने के बाद अपना काम शुरू कर देता है| यह मालवेयर बाकी है वैसे स्पाइवेयर से अलग है यह पेगासस स्पाइवेयर के डेवलपर NSO ग्रुप और फिनाफिशर के डेवलपर गामा ग्रुप के मार्केट में ही कारोबार करता है | इसे एंड्रॉयड वर्जन पर इंस्टॉल किया जाता है |वह इसे बार-बार चेक करता है| जिसे समझ सके कि वह वर्जन किस तरह काम करता है आरसीआइ लैब के संबंध पाकिस्तान, चिल्ली ,मंगोलिया ,बांग्लादेश ,वियतनाम ,म्यानमार और तुर्कमेनिस्तान के इंटेलिजेंस एजेंसी से रह चुका है यह ऑडियो रिकॉर्डिंग कर सकता है कॉल कर सकता है कॉल लॉग डिवाइस की लोकेशन और एसएमएस का डाटा लोकेशन शेयर कर सकता है|
सभी एंड्राइड वर्जन पर चल सकता है ?
सिक्योरिटी रिसर्च लुकआउट के मुताबिक यह स्पाइवेयर सभी एंड्राइड वर्जन पर चल सकता है उसके मुताबिक ऐसा पहली बार नहीं है जब हर्मिट स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया जा रहा है इससे पहले इटली की सरकार ने साल 2019 में एंटी करप्शन अभियान के लिए हर्मिट स्पाइवेयर का यूज किया था उन्होंने यह भी बताया कि इसको लेकर साक्ष्य मिले हैं कि सीरिया के पूर्वोत्तर हिस्से में एक अज्ञात पक्ष ने इस स्पाइवेयर का यूज किया था बता दें कि आरसीएस लैब पिछले 30 दशक से भी ज्यादा वक्त से एक्टिव है इतना ही नहीं है पैरेट के डेवलपर एंड ग्रुप तथा फिनिश करके डेवलपर गामा ग्रुप के मार्केट पर बिजनेस करता है|
कैसे करता है काम हरमिट्स बाय बस ?
इंडिया टुडे रिपोर्ट के मुताबिक यह एक मॉड्यूलर स्पाइवेयर है जो डाउनलोड होने के बाद अपना काम शुरू कर देता है रिपोर्ट के मुताबिक एसएमएस के जरिए टारगेटेड मोबाइल में यह सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल किया जाता है यह एक फिशिंग अटैक जैसा होता है डाउनलोड होने के तुरंत बाद दिया हर्मिट स्पाइवेयर अपना काम शुरू कर देता है जैसे ऑडियो रिकॉर्डिंग कर सकता है कॉल कर सकता है और उसे रीडायरेक्ट कर सकता है यह कॉल लॉग डिवाइस की लोकेशन और समझकर डाटा कलेक्शन कर सकता है रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी को इसके आयुर्वेद वर्जन का भी पता चला है लेकिन उसे सैंपल नहीं मिला है
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