विक्रम मिस्री बने नए विदेश सचिव: जानिए उनकी असाधारण यात्रा की रोमांचक कहानी!
विक्रम मिस्री: भारत के नए विदेश सचिव के बारे में जानिए सब कुछ
भारत सरकार ने विक्रम मिस्री को भारत के नए विदेश सचिव के रूप में नियुक्त किया है। मिस्री ने 15 जुलाई से यह पदभार संभाला, जो विनय मोहन क्वात्रा का स्थान लेंगे। विक्रम मिस्री, 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं, जिन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं, जिनमें डिप्टी NSA, चीन, स्पेन और म्यांमार में राजदूत, और कई प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव शामिल हैं।
विक्रम मिस्री का करियर
विक्रम मिस्री का जन्म 7 नवंबर 1964 को श्रीनगर, भारत में हुआ था। वे 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं। मिस्री ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है, जिनमें विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय शामिल हैं।
विदेशों में महत्वपूर्ण पद
मिस्री ने जनवरी 2019 से दिसंबर 2021 तक चीन में भारत के राजदूत के रूप में सेवा की। इसके अलावा, वे स्पेन और म्यांमार में भी राजदूत रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में योगदान
विक्रम मिस्री ने 1 जनवरी 2022 से डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में भी सेवा की है। इस महत्वपूर्ण भूमिका में, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में सेवाएं
मिस्री ने कई प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव के रूप में कार्य किया है, जिनमें इंदर कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी शामिल हैं। उन्होंने नवंबर 1996 से अप्रैल 1997 तक इंदर कुमार गुजराल की सरकार के दौरान विदेश मंत्री के कार्यालय में अवर सचिव के रूप में भी सेवा की।
अन्य महत्वपूर्ण पद
विक्रम मिस्री ने अप्रैल 1998 से अगस्त 2000 तक विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान डेस्क के अवर सचिव/उप सचिव के रूप में सेवा की। वे नवंबर 2006 से सितंबर 2008 तक तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय के निदेशक थे। इसके बाद, उन्होंने मार्च 2012 से अक्टूबर 2012 तक प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव और अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सचिव के रूप में कार्य किया।
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