Jharkhand Economy : अमेरिकी टैरिफ का झारखंड के टेक्सटाइल उद्योग पर गहरा असर, 80% ऑर्डर रद्द
अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ का झारखंड के टेक्सटाइल उद्योग पर गहरा असर पड़ा है। तसर सिल्क, खादी और वस्त्र उद्योग के 80% ऑर्डर रद्द, जिससे तीन लाख कारीगरों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।

अमेरिका द्वारा हाल ही में आयातित टेक्सटाइल और हैंडलूम उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने का सीधा असर झारखंड के टेक्सटाइल उद्योग पर पड़ा है। राज्य के तसर सिल्क, खादी और रेडीमेड वस्त्र उत्पादों को इससे भारी झटका लगा है। इस टैरिफ वृद्धि के चलते झारखंड की टेक्सटाइल कंपनियों के करीब 80 प्रतिशत ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं।
राज्य का टेक्सटाइल और सिल्क उद्योग दशकों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। इससे करीब तीन लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं, जिनमें बुनकर, कताई करने वाले कारीगर, सिलाई-कढ़ाई करने वाले मजदूर और बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं। अमेरिका का यह निर्णय न केवल कंपनियों को प्रभावित करेगा बल्कि हजारों ग्रामीण परिवारों की आजीविका पर भी संकट खड़ा कर सकता है।
उद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि झारखंड हर वर्ष लगभग 700 से 800 करोड़ रुपये के वस्त्र उत्पाद विदेशों में निर्यात करता है। इनमें अमेरिका की हिस्सेदारी करीब 35 प्रतिशत है। टैरिफ बढ़ने के बाद से अमेरिका में झारखंडी उत्पादों की मांग कम हो गई है।
झारखंड का तसर सिल्क और खादी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी गुणवत्ता के लिए पहचाना जाता है। यह वही क्षेत्र है, जिसने ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है। लेकिन निर्यात में कमी आने से अब इन कारीगरों के सामने रोजगार का संकट गहराने लगा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर वैकल्पिक बाजार नहीं खोजती और निर्यात नीतियों में राहत नहीं देती, तो आने वाले दिनों में हजारों परिवारों पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।
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